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गोवा चुनाव 2017: आरएसएस में लौट सकता है बागी गुट

गोवा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार से मतभेद के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से अलग हुआ खेमा संघ में दोबारा लौट सकता है खेमे के एक वरिष्ठ नेता ने सोमवार को यह जानकारी दी।

Updated on: 27 Feb 2017, 06:25 PM

नई दिल्ली:

गोवा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार से मतभेद के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से अलग हुआ खेमा संघ में दोबारा लौट सकता है खेमे के एक वरिष्ठ नेता ने सोमवार को यह जानकारी दी। गोवा में आरएसएस के पूर्व प्रमुख सुभाष वेलिंगकर ने कहा कि इस मुद्दे पर खेमे के 90 पदाधिकारी तीन-चार मार्च को फैसला लेंगे।

वेलिंगकर ने कहा, 'चार फरवरी के विधानसभा चुनाव के बाद आरएसएस में लौटने का विचार हमेशा से था।' गोवा में आरएसएस के बागी खेमे के गठन का उद्देश्य राज्य की भाजपा सरकार को हराना था। उन्होंने कहा कि भाजपा ने संघ के विचारों को दरकिनार कर दिया है।

सुभाष वेलिंगकर गोवा में आरएसएस के प्रमुख रह चुके हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से बगावत कर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलने के कारण उन्हें अगस्त, 2016 में पद से हटा दिया गया था.  उन्हें आरएसएस प्रमुख के पद से हटाए जाने के विरोध में आरएसएस के करीब 300 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया था

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रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर तथा गोवा भाजपा पर आरएसएस के विचारों से भटकने तथा सरकार से वित्तीय मदद पाने वाले अंग्रेजी स्कूलों में क्षेत्रीय भाषाओं की जगह अंग्रेजी को बढ़ावा देने के आरोप के बाद वेलिंगकर को आरएसएस ने बीते साल अगस्त में बर्खास्त कर दिया था। इन अधिकांश अंग्रेजी स्कूलों का संचालन गोवा की रोमन कैथलिक चर्च करता है।

बर्खास्तगी के बाद वेलिंगकर ने गोवा में संघ का एक बागी संगठन बनाया, जिसमें हजारों की तादाद में स्थानीय स्वयंसेवक तथा संघ के पदाधिकारी शामिल थे।
भारतीय भाषा सुरक्षा मंच के सह-संयोजक वेलिंगकर ने पर्रिकर तथा राज्य भाजपा पर विश्वासघात का आरोप लगाया था।

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वेलिंगकर तथा मंच नेतृत्व ने एक नई राजनीतिक पार्टी का भी गठन किया, जिसने शिवसेना तथा गोवा की सबसे पुरानी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के साथ गठबंधन कर विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था। वेलिंगकर ने कहा कि उनके समर्थकों ने संघ के शीर्ष नेतृत्व तथा भाजपा के समक्ष खुद को साबित किया।

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