कांग्रेस से गठबंधन करेगी शिवपाल सिंह यादव की पार्टी, कल हो सकता है ऐलान
समाजवादी से अलग हो चुके चाचा शिवपाल यादव अपने भतीजे अखिलेश यादव को लोकसभा चुनाव में पटखनी देने के लिए कांग्रेस से हाथ मिला सकते हैं.
लखनऊ:
समाजवादी से अलग हो चुके चाचा शिवपाल यादव अपने भतीजे अखिलेश यादव को लोकसभा चुनाव में पटखनी देने के लिए कांग्रेस से हाथ मिला सकते हैं. अखिलेश यादव से रिश्ते खराब होने के बाद समाजवादी पार्टी छोड़कर अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाने वाले शिवपाल यादव से लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से गठबंधन करने का फैसला लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक इसी सिलसिले में शिवपाल यादव आज लखनऊ के कांग्रेस दफ्तर में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात करेंगे. सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद प्रियंका गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गठबंधन का ऐलान कर सकती है.
गौरतलब है कि शिवपाल यादव पहले कई मौकों पर कांग्रेस से गठबंधन की इच्छा जता चुके हैं. शिवपाल सिंह यादव ने हाल ही में कहा था कि अभी हमारी बात तो नहीं हुई है, लेकिन जितनी भी सेकुलर पार्टी हैं, जिसमें से एक कांग्रेस भी है. अगर कांग्रेस हमसे गठबंधन के लिए संपर्क करेगी तो हम बिल्कुल तैयार हैं.
मुलायम सिंह यादव के पीएम मोदी के दोबारा पीएम बनने की इच्छा जताने के बाद अखिलेश यादव के लिए यह दूसरा झटका हैं. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि शिवपाल यादव की पार्टी को जितने वोट मिलेंगे वो कहीं न कही समाजवादी पार्टी के कोर वोटर्स के जरिए ही मिलेंगे जिसका सीधा नुकसान अखिलेश यादव को उठाना पड़ेगा. बता दें कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ जाकर हार का स्वाद चख चुके अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव के लिए सभी दुश्मनी को भुलाकर बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती से गठबंधन का ऐलान कर दिया था. इस ऐलान के बाद यूपी में कांग्रेस की स्थिति और कमजोर होती नजर आ रही थी और शायद यही कारण है कि कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को यूपी की राजनीति में उतारने का फैसला किया ताकि पार्टी को मजबूत किया जा सके.
समाजवादी पार्टी से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (पीएसपी-एल) बनाने वाले शिवपाल यादव को चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया गया है. चुनाव आयोग ने उन्हें चाबी चुनाव चिन्ह दिया है. यूपी विधानसभा चुनाव 2017 के बाद समाजवादी पार्टी में कलह हुई थी जिसका नतीजा हुआ कि शिवपाल यादव ने खुद को एसपी से अलग करके पीएसपी-एल बना ली.
कुछ महीने पहले शिवपाल सिंह यादव ने खुद की तुलना पांडव करते हुए अखिलेश गुट को कौरव बता दिया था. शिवपाल ने हमला बोलते हुए कहा था, 'मैंने सोचा था कि अलग-अलग लड़ेंगे तो नुकसान सभी का होगा लेकिन विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के लोग हमें ही हराने में लगे रहे, लेकिन फिर भी हम जीते। कुछ कम वोट जरूर मिले। पांडवों ने तो सिर्फ 5 गांव मांगे थे, हमने तो सम्मान के अलावा कुछ नहीं मांगा था। हमने कहा था कि हमें मुख्यमंत्री भी नहीं बनना है।'
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