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पीएम नरेंद्र मोदी ने ममता बनर्जी सरकार को उखाड़ फेंकने का किया आह्वान, 10 बातें

प्रधानमंत्री ने जहां ममता बनर्जी सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया, वहीं अपनी सरकार द्वारा पेश किए बजट की खूबियां गिनाई.

Updated on: 02 Feb 2019, 04:46 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पश्‍चिम बंगाल में थे, जहां उन्‍होंने दो रैलियों को संबोधित किया. अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने जहां ममता बनर्जी सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया, वहीं अपनी सरकार द्वारा पेश किए बजट की खूबियां गिनाई. श्‍यामाप्रसाद मुखर्जी का नाम लेकर उन्‍होंने राज्‍य से बीजेपी को जोड़ने की कोशिश की और साथ ही बीजेपी कार्यकर्ताओं से मारपीट की घटनाओं पर बोले- यह बलिदान बेकार नहीं जाएगा. आइए जानते हैं रैली की 10 बड़ी बातें:

  • अब गरीबों के खाते में 6000 रुपये ट्रांसफर होंगे, एक साल में सरकार 75 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है, हमारी सरकार की तैयारी है कि पहली किश्‍त जितनी जल्‍दी हो सके, किसानों को मिल जाए, हम भी कर्जमाफी का शोर मचा सकते थे, कांग्रेस की तरह हम भी ड्रामेबाजी कर सकते थे, लेकिन हमारी नीति साफ है, इस कारण हम किसान के लिए परमानेंट योजना लेकर आए हैं.
  • बजट में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 5 लाख रुपये तक की आय वालों को टैक्‍स के दायरे से बाहर कर दिया गया है. ऐसा करके हमारी सरकार ने वर्षों पुरानी मांग पूरी की है. स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन की सीमा को 40 हजार से 50 हजार की गई है. अभी तो ये ट्रेलर है, ये तो अंतरिम बजट था, चुनाव के बाद नए भारत की तस्‍वीर को आपके सामने पेश करेंगे.
  • अब बिना टैक्‍स दिए आप दूसरा घर खरीद पाएंगे, लोग अपना घर बेच रहे हैं, ऐसे घरों में लोग पैसा लगा रहे हैं तो उन्‍हें कोई दिक्‍कत नहीं होगी. कई बार बड़े शहरों में लोग इसलिए घर खरीदते हैं कि बच्‍चे बड़े होकर शिक्षा ग्रहण करने जाएंगे, इसलिए सरकार ने दूसरे घर को लेकर टैक्‍स को खत्‍म कर दिया है.
  • कल संसद में इस साल का बजट पेश किया गया, सबका साथ, सबका विकास क्‍या होता है वो इस बजट में दिखता है, किसान हो या श्रमिक या मध्‍यम वर्ग सभी के लिए ऐतिहासिक प्रावधान किए गए हैं.
  • टीएमसी की सरकार उन प्रोजेक्‍ट पर हाथ ही नहीं लगाती, जहां सिंडिकेट को शेयर न मिले, यहां की सरकार को विकास की पटरी पर लाने की योजना तब तक दुरुस्‍त नहीं होगी, जब तक विकास विरोधी सरकार यहां होगी. यहां 90 हजार करोड़ के दो बड़े प्रोजेक्‍ट पर काम शुरू ही नहीं हो रहा है.
  • केंद्र सरकार पूर्वी भारत को नए भारत के विकास का अगुवा बनाने में जुटी है और निश्‍चित रूप से पश्‍चिम बंगाल की इसमें बहुत बड़ी भूमिका है, इसी कारण यहां आधारभूत ढांचे को विकसित करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन राज्‍य सरकार ऐसा होने नहीं दे रही है.
  • श्‍यामाप्रसाद मुखर्जी का नाम लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्‍य से बीजेपी को जोड़ने की कोशिश की. वे बोले- हमारी पार्टी के प्रणेता इसी धरती के रत्‍न थे और हमारी पार्टी के जनक थे. यहां की धरती में यहां की परंपरा में जितना सामर्थ्‍य है कि ममता सरकार को हटाकर रहेगी.
  • जिस सरकार को लेाकतंत्र की मर्यादा की परवाह न हो, जिस पार्टी के कार्यकर्ताओं को हिंसा की छूट मिली हुई हो, तो मान लीजिए कि इनका जाना तय है, बंगाल परिवर्तन करके रहेगा, यह मैं साफ देख रहा हूं, यहां की पवित्र धरती अपना यह हाल बहुत दिन तक बर्दाश्‍त नहीं करेगी.
  • दीया जब बुझने लगता है तो आखिर में अधिक जोर लगा देता है. दीदी खुद साम्‍यवादियों के शासन में परेशान रहीं, यह आपका उत्‍साह है, जिससे उन्‍हें लग रहा है कि वो भी साम्‍यवादियों की तरह लोकतंत्र का गला घोंटकर अपना राजनीतिक उल्‍लू सिद्ध कर रही हैं.
  • कल रात की घटना को मुझे पूरी जानकारी है, एक कार्यकर्ता के सिर पर पट्टियां लगी हुई है, लेकिन उसकी हिम्‍मत देखिए कि वो आज यहां रैली में मौजूद है, आपकी यह तपस्‍या आपका यह जोश, यह बलिदान कभी बेकार नहीं जाएगा.