पंडित जवाहरलाल नेहरू नहीं, बाबा साहब भीमराव आंबेडकर थे ब्राह्मण, सुब्रमण्यम स्वामी के बेबाक बोल
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, उत्तर प्रदेश की राजनीति में महागठबंधन बनाकर दलित मुस्लिम गठजोड़ की कोशिश की जा रही है.
नई दिल्ली:
अपने बेबाकी के लिए चर्चित राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक और बेबाक बयान दिया है, जिस पर राजनीतिक हलकों में विवाद भी खड़े हो सकते हैं. News Nation से बातचीत करते हुए स्वामी का कहना है कि शिक्षा और व्यवहार की तुलना करें तो देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ब्राह्मण नहीं थे, बल्कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ब्राह्मण थे. जवाहरलाल नेहरू की शैक्षणिक योग्यता बाबा साहब अंबेडकर से कम थी.
अंबेडकर चाहते थे मजहबी आधार पर नागरिकता का बंटवारा
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, जहां उत्तर प्रदेश की राजनीति में महागठबंधन बनाकर दलित मुस्लिम गठजोड़ की कोशिश की जा रही है. वहीं सुब्रमण्यम स्वामी की माने तो बाबा साहब अंबेडकर भारत पाकिस्तान विभाजन के समय एक्सचेंज ऑफ पॉपुलेशन चाहते थे, यानी हिंदू भारत पहुंचे और मुसलमान पाकिस्तान जाएं.
आजम और उनके बेटे को पाकिस्तान जाने की सलाह
स्वामी बोले- आजम खान पर उनकी जुबान को लेकर चुनाव आयोग ने प्रतिबंध लगाया है. अगर उनके बेटे अब्दुल्लाह खान को लगता है कि यह आधार धार्मिक है तो, जब देश का विभाजन धार्मिक आधार पर हुआ तो वह पाकिस्तान क्यों नहीं चले गए ? उन्हें पाकिस्तान चला जाना चाहिए था.
चुनाव के बाद सोनिया और राहुल गांधी जाएंगे जेल
स्वामी ने यह भी कहा, मैं सिर्फ मतदान का इंतजार कर रहा हूं, जैसे ही चुनाव पूरा हो जाएगा. मैं कोर्ट में जाऊंगा और बताऊंगा कि राफेल को लेकर माननीय न्यायालय की मानहानि की तरह से राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा और उनकी जमानत खारिज करवा कर उन्हें जेल पहुंचाउगा. सोनिया के साथ-साथ राहुल गांधी और पी चिदंबरम भी जाएंगे जेल.
तमिल संगम से निकलेगा, राम मंदिर विवाद का समाधान
उन्होंने कहा, श्रीश्री रविशंकर समेत जिस कमेटी का गठन सर्वोच्च न्यायालय ने राम मंदिर मध्यस्थता के लिए किया है, वह सभी तमिलनाडु से आते हैं. मैं भी तमिल हूं. मैं कल अयोध्या गया था और उनके सामने यह दलील दी कि भूमि विवाद का निपटारा किया जा सकता है, लेकिन राम जन्मभूमि पर पूजा करना मेरा मौलिक अधिकार है, लिहाजा वहां मंदिर ही बनना चाहिए. मुझे उम्मीद है कि जल्द ही मेरे प्रयासों से राम मंदिर का रास्ता साफ होगा.
शिव और विष्णु मत के संगम हैं बजरंगबली
स्वामी बोले- हिंदू धर्म में शैव मत और विष्णु मत चलता है, हनुमान शिव जी के अवतार थे और विष्णु के अवतार श्री राम के उपासक, लिहाजा हनुमान की पूजा से योगी जी ने जीत का वरदान मांगा होगा. हालांकि जीत के लिए पूजा करना सभी का अधिकार है, पर मुझे लगता है कि भगवान भी मेरिट के आधार पर बीजेपी को विजयी बनाएंगे.
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