Lok Sabha Election 2019 : महाराष्ट्र में इन दोनों पार्टियों की वजह से कांग्रेस की राह मुश्किल
लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) का बिगुल बजते ही देशभर में गठबंधन की स्थिति करीब-करीब साफ नजर आ रही है.
नई दिल्ली:
लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) का बिगुल बजते ही देशभर में गठबंधन की स्थिति करीब-करीब साफ नजर आ रही है. यूपी के बाद अब महाराष्ट्र में बीजेपी के खिलाफ मजबूत गठबंधन खड़ा करने में कांग्रेस असफल दिखाई दे रही है. महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन बनाम कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की लड़ाई मानी जा रही थी, लेकिन एक तीसरा गठजोड़ असदुद्दीन ओवैसी और प्रकाश अंबेडकर का भी बनता दिख रहा है. राजनीति विशेषज्ञों के अनुसार, ओवैसी-अंबेडकर का गठजोड़ कांग्रेस-एनसीपी का दलित-मुस्लिम वोट ही काटेगा और इसका सीधा फायदा बीजेपी-शिवसेना को मिल सकता है.
यह भी पढ़ें ः Lok Sabha Election 2019 : मुख्तार अब्बास नकवी बोले, गठबंधन के गुनाहों की गठरी खुलते-खुलते... हो जाएगी
महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं, जिनमें से 3 सीट अनुसूचित जनजाति और 4 सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में इन सभी सीटों पर बीजेपी-शिवसेना का दबदबा रहा था. महाराष्ट्र में 14 फीसदी दलित और 11 फीसदी मुस्लिम आबादी है. राज्य में दलित और मुस्लिम कांग्रेस-एनसीपी के परंपरागत वोटर रहे हैं, लेकिन भारिप बहुजन महासंघ के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के साथ आने से कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के इस वोट बैंक में सेंध लग सकती है.
यह भी पढ़ें ः प्रियंका गांधी और चंद्रशेखर की मुलाकात से बसपा प्रमुख मायावती नाराज, ऐसे दे सकती हैं कांग्रेस को झटका
पिछले दिनों प्रदेश में मराठा आरक्षण, अदिवासी आंदोलन, किसान कर्जमाफी आंदोलन और भीमा कोरेगांव हिंसा का मुद्दा छाया रहा. इन सबके बावजूद बीजेपी पंचायत और निकाय चुनावों में दबदबा बरकरार रखने में कामयाब रही. बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी और प्रकाश अंबेडकर यहां अब तक 7 सभाएं कर चुके हैं. इनकी सभाओं में जुटने वाली भीड़ से जहां कांग्रेस-एनसीपी की नींद उड़ा रही, वहीं बीजेपी-शिवसेना काफी खुश नजर आ रही है. हालांकि, प्रकाश आंबेडकर की पार्टी से गठबंधन के दरवाजे बंद नहीं हुए हैं, लेकिन उनकी 22 सीटों की मांग से नहीं लगता कि कांग्रेस-एनसीपी से उनका समझौता हो पाएगा.
यह भी पढ़ें ः Lok Sabha Election 2019 : प्रियंका गांधी और चंद्रशेखर की मुलाकात से यूपी की सियासत में बढ़ी हलचल
ओवैसी और आंबेडकर के साथ आने से महाराष्ट्र में दलित-मुस्लिम आबादी के प्रभाव वाली आकोला, नांदेड़, औरंगाबाद, जालना, सोलापुर, परभनी, मुंबई साउथ सेंट्रल, साउथ मुंबई, अमरावती लोकसभा सीट पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है. इनमें से नांदेड़ सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण चुनाव लड़ते रहे हैं, वहीं सोलापुर पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे का गढ़ रहा है. कांग्रेस ने इस बार भी शिंदे को ही टिकट दिया है. इसके साथ ही साउथ मुंबई से कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा को टिकट दिया गया है.
यह भी पढ़ें ः लोकसभा चुनाव : सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया ट्वीट तो अखिलेश यादव ने कही ये बड़ी बात
ओवैसी-आंबेडकर के अलावा राजू शेट्टी की स्वाभिमानी शेटकारी संगठन का पश्चिम महाराष्ट्र के जिलों में अच्छा प्रभाव है. पिछले लोकसभा चुनाव में राजू शेट्टी ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया था. इस बार कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन शेट्टी को अपने साथ लाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन उसकी कोशिश अब तक नाकाम रही है. ऐसे में अगर शेट्टी भी एआईएमआईएम और भारिप के साथ आ जाते हैं तो नाराज किसानों का वोट तीसरे मोर्चे में चला जाएगा. जिसका सीधा फायदा बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को ही मिलने की उम्मीद है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी