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लांच होते ही छा गया आरएसएस का ऋतम ऐप, जाने क्या है इसमें खास

इनमें कई खबरें तो देश की शांति व्यवस्था को भी भंग कर लोगों में वैमनस्यता फैलाने का काम करती हैं.

Updated on: 10 Feb 2019, 10:19 AM

नई दिल्ली:

आज कल देश-विदेश हर जगह सोशल मीडिया(Social media) में फेक खबरों (Fake News) की भरमार है. इनमें कई खबरें तो देश की शांति व्यवस्था को भी भंग कर लोगों में वैमनस्यता फैलाने का काम करती हैं. इनसे निपटने के लिए केंद्र सरकार के साथ अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी कमर कस ली है. दरअसल फेक न्यूज से लड़ने के लिए आरएसएस ने ऋतम ऐप को लॉच किआ है. यह ऐप फेक खबरों को उजागर कर रहा है और वास्तविकता को सामने ला रहा है. इस एप को दो दिन पहले ही आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भारतीय विचार मंच के कार्यक्रम में अहमदाबाद में लांच किया है.

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इस एप पर राजनीति, समाज, कला, संस्कृति, इतिहास, अर्थ, अंतरराष्ट्रीय, अध्यात्म, विज्ञान व तकनीक की खबरे हैं तो मानवीय कहानियां भी हैं. साथ ही फिल्मी खबरों को भी जगह दी गई है. इस एप पर फेक खबरों में आजकल संसद से लेकर सड़क तक चर्चित राफेल मुद्दे को भी शामिल किया गया है.

ऐप में एक अंग्रेजी अखबार की उस खबर को फेक बताया गया है, जिसमें रक्षा मंत्रालय के पत्रों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करने का आरोप लगाया गया है. संघ के एक पदाधिकारी के मुताबिक, फेक खबरें देश को अस्थिर करने की साजिश होती हैं. इसलिए, जरूरी हो गया था कि लोगों को ऐसा प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाए, जिससे कि वे सही खबरों तक पहुंच सकें.आज के युवा सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं तो संघ भी टेक्नोसेवी हो रहा है. संघ के पास उत्कर्ष जैसा ऐप भी है, जो स्वयंसेवकों को राष्ट्रवाद की खबरें देता है.

बता दें इस ऐप को एक लाख से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है. मतलब साफ है कि फेक खबरों के पीछे की हकीकत जानने के लिए लोग उत्सुक हैं. युवा भारत को ध्यान में रखकर हाईटेक हो रहा संघ ऋतम एप के माध्यम से देशवासियों को राष्ट्रीय परिपेक्ष्य की सकारात्मक खबरें पढ़ा रहा है. इसमें हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, बांग्ला, मराठी व गुजराती समेत कुल 12 भाषाओं में राष्ट्रवाद की खबरें उपलब्ध हैं.