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Fact Check: किसान आन्दोल से दूर तक नहीं है एमएस धोनी की गुरुद्वारे वाली तस्वीर का नाता, पड़ताल में हुआ खुलासा

Fact Check: हाल ही में किसान आन्दोलन चल रहा था, हरियाणा व पंजाब के किसानों को दिल्ली पुलिस ने बॅार्डर पर ही रोक दिया था. इस बीच एक तस्वीर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुई. जिसमें देखा गया कि इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी गुरुद

Updated on: 01 Mar 2024, 09:43 AM

highlights

  • सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है महेन्द्र सिंह धोनी की गुरुद्वारे वाली तस्वीर
  • यूजर्स का दावा किसान आन्दोलन के बीच उन्होने गुरुद्वारे में मत्था टेका
  •  वायरल तस्वीर को डॉ.नीमो यादव कमेंटरी नाम के एक्स यूजर किया है पोस्ट

नई दिल्ली :

Fact Check: हाल ही में किसान आन्दोलन चल रहा था, हरियाणा व पंजाब के किसानों को दिल्ली पुलिस ने बॅार्डर पर ही रोक दिया था. इस बीच एक तस्वीर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुई. जिसमें देखा गया कि इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी गुरुद्वारे में दर्शन करने पहुंचे हैं. तस्वीर में दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीर किसान आन्दोलन के बीच की है. साथ ही दावा है कि धोनी निमंत्रण के बाद राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं पहुंचे, लेकिन गुरुद्वारा पहुंच गए. लेकिन जब तस्वीर की न्यूज नेशन टीम ने पड़ताल की तो चौकाने वाला खुलासा हुआ.जिसमें पता चला कि असल में ये तस्वीर बहुत पुरानी है. किसान आन्दोलन से इसका दूर तक कोई लेना-देना नहीं है. आइये जानते हैं तस्वीर की सच्चाई क्या है.. 

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क्या है दावा?
दरअसल, 13 फरवरी से किसानों का अपनी मांगों को लेकर आन्दोलन चल रहा है. तभी से दिल्ली शंभू बॅार्डर व अन्य कई सीमाएं सील की हुई हैं. इसी बीच सोशल मीडिया पर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की एक फोटो खूब वायरल हो रही है. इस तस्वीर में धोनी गुरुद्वारा में दिख रहे हैं. साथ ही  तस्वीर के साथ दावा किया जा गया, 'महेंद्र सिंह धोनी निमंत्रण के बाद राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं गए, लेकिन वह चल रहे किसान विरोध के दौरान गुरुद्वारा गए.फोटो को डॉ. नीमो यादव कमेंटरी नाम के एक्स यूजर और खालसा जत्था संगठन के प्रमुख गुरप्रीत सिंह आनंद ने पोस्ट किया है. आपको बता दें कि दोनों ही वेरिफाइड यूजर हैं. 

पड़ताल में हुआ खुलासा 
तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने सबसे पहले खालसा जत्था के बारे पूरी जानकारी जुटाई. इसके बाद खालसा जत्था के प्रमुख गुरप्रीत सिंह आनंद की सोशल मीडिया प्रोफाइल खंगाली गई. जिसके बाद पता चला कि जो तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. ये वास्तव में लंदन स्थित एक गुरुद्वारे की है. लंदन के मध्य में स्थित यह गुरुद्वारा 1908 में बना था। इसकी वेबसाइट के अनुसार, यह यूरोप में स्थित पहला गुरुद्वारा है. सबसे पहले 26 फरवरी 2024 की पोस्ट मिली जिसमें धोनी की तस्वीर साझा की गई थी. हालांकि कमेंट में कई यूजर्स ने भी लिखा था कि तस्वीर पुरानी है. जिससे हमारा शक बढ़ता गया. क्रेकेट प्रेमियों से बात की गई. जिसमें पता चला कि ये तस्वीर 2022 की है. जब धोनी भारत और इंग्लैंड के बीच दोनों वनडे देखने लंदन गए थे.  इस दौरान धोनी ने कई सितारों से भी मुलाकात की थी. टी-20 सीरीज के दौरान धोनी टीम इंडिया की ड्रेसिंग रूम में भी पहुंचे थे. जिसके बाद जानकारी पुख्ता हुई की पुरानी तस्वीर को अभी की बताकर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है. किसान आन्दोलन से तस्वीर का कोई लेना देना नहीं है.