Fact Check: एक समुदाय को जबरन Quarantine ले जाने वाले Video का आखिर क्या है सच?
कोरोना वायरस (CoronaVirus Covid-19) ने जब भारत में अपने पैर पसारना शुरू ही किया था तो इससे जुड़ें तमाम खबर और वीडिया सामने आए थे, जिसका न कोई सिर था और न पैर. कोरोना वायरस से बचाव लिए तमाम मैसेज बिना सोचे फॉरवर्ड किए जा रहे थे. नतीजन सरकार और यहां तक WHO को सामने आकर इसे खारिज करना पड़ा और सही जानकारी के लिए कई तरीकों का सहारा लिया.
नई दिल्ली:
Corona Virus (Covid-19): हम बचपन से पढ़ते आ रहे हैं कि विज्ञान इंसान के लिए वरदान भी है और अभिशाप भी. लेकिन आज के समय में ये बात सोशल मीडिया के लिए फिट बैठती है. सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म ने जहां इंसान कि जिंदगी को आसान बनाया है तो वहीं दूसरी तरफ समाज के लिए कई तरह से मुसीबत बन गई है. आए दिन सोशल मीडिया पर ऐसी कई फेक खबर वायरल हो जाती है, जो समाज में तनाव की स्थिति पैदा कर देती है. कोरोना वायरस (Corona Virus) और लॉकडाउन के समय में इसके हालात और ज्यादा बदत्तर हो गए हैं.
कोरोना वायरस (CoronaVirus Covid-19) ने जब भारत में अपने पैर पसारना शुरू ही किया था तो इससे जुड़ें तमाम खबर और वीडिया सामने आए थे, जिसका न कोई सिर था और न पैर. कोरोना वायरस से बचाव लिए तमाम मैसेज बिना सोचे फॉरवर्ड किए जा रहे थे. नतीजन सरकार और यहां तक WHO को सामने आकर इसे खारिज करना पड़ा और सही जानकारी के लिए कई तरीकों का सहारा लिया. इस कदम से कोरोना वायरस को लेकर लोगों में कई तरह का कंफ्यूजन भी दूर हुआ और उन्होंने इससे बचाव का सही तरीका अपनाया.
लेकिन सरकार और प्रशासन की मुसबीत उस समय ज्यादा बढ़ गई जब तबलीगी जमात के लोग निजामुद्दीन दरगाह के पास पकड़े गए. ये मामला सामने आने के बाद फिर कई फेक वीडियो सामने आने लगे, जिसमें कुछ खास समुदाय को द्वारा कोरोना को जानकरा फैलाने का आरोप लगाया गया. इतना ही नहीं पुराने वीडियो को अभी का बताकर लोगों के बीच फैलाया गया. कुछ लोग समाज की फेक खबर को फैलाकर यहां के माहौल को खराब करना चाहते है.
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इसी क्रम में एक और वीडिया सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि कुछ खास समुदाय को जबरदस्ती Quarantine में रखा जा रहा है. इस वीडियो को लोग तेजी से शेयर भी कर रहे हैं लेकिन हकीकत बिल्कुल इससे परे है.
PIB ने अपने PIB फैक्ट चेक ट्विटर हैंडल से इस खबर का फेक बताया है. इस पर लिखा गया है, सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि एक समुदाय के लोगों को #Covid_19 के बहाने जबरन क्वारनटीन में ले जाया जा रहा है जो वास्तव में डिटेंशन केंद्र हैं. लेकिन वास्तविकता ये है कि ये दावा झूठा है. ऐसी खबरों का उद्देश्य समाज में केवल भेदभाव पैदा करना है.
दावा : सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि एक समुदाय के लोगों को #Covid_19 के बहाने जबरन क्वारनटीन में ले जाया जा रहा है जो वास्तव में डिटेंशन केंद्र हैं|
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 18, 2020
वास्तविकता : ये दावा झूठा है |
ऐसी खबरों का उद्देश्य समाज में केवल भेदभाव पैदा करना है। pic.twitter.com/V0zttgyh0N
तो देखा नआपने कि कैसे हमारे समाज से तेजी से फेक न्यूज वायरल हो रहा है तो ऐसे में हमारी जिम्मेदारी बनती है कि लोगों तक इसके सच को पहुंचाए. कोरोना के नाम पर लोगों के अंदर नफरत के बीज बोए जा रहे हैं, ऐसे में पढ़ें-लिख वर्ग को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि बिना जांचे परखे कोई खबर, वीडियो फॉरवर्ड न करें. आपका एक गैर-जिम्मेदारना हरकत समाज की शांति को भंग कर सकती है. वहीं किसी भी खबर पर संदेह हो तो उसे किसी विश्ववसनीय जगह, संस्थान या लोगों से एक बार जरूर कंफर्म करें. आप खुद भी एक बार गूगल पर चेक कर सकते हैं.
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