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Kishore Kumar Birthday: ऐसा था किशोर दा का खंडवा से बॉम्बे तक का सफर, जानें योडलिंग किंग के कुछ अनकहे किस्से

किशोर दा आज अपना 93वां जन्मदिन मना रहे हैं.उन्होनें फिल्म इंडस्ट्री को कई सारे हिट गाने दिए हैं. चलिए आज योडलिंग किंग किशोर कूमार के बारे में आपको कुछ खास बातें बताते हैं.

Updated on: 04 Aug 2023, 01:19 PM

New Delhi:

योडलिंग इंडियन एंटरटेनर सिंहर किशोर कुमार को कौन नहीं जानता. किशोर कुमार के गानें आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं. बता दें कि, आज किशोर कुमार हमारे बीच होते तो ये उनका 93वां जन्मदिन होता. यकीनन वह बॉलीवुड के एकलौते गायक हैं जो आज भी गायकों की एक पूरी पीढ़ी को प्रेरित करते हैं. आज हम जिस महान गायक, अभिनेता, संगीत निर्देशक, गीतकार, लेखक, निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक किशोर कुमार को याद करते हैं, उनका जन्म 4 अगस्त 1929 को मध्य भारत के खंडवा में रहने वाले एक बंगाली परिवार में आभास कुमार गांगुली के रूप में हुआ था. एक वकील पिता और एक गृहिणी माँ के घर जन्मे, उनका बॉलीवुड से तब तक कोई संबंध नहीं था जब तक कि उनके भाई अशोक और अनूप ने सिनेमा में कदम नहीं रखा.

बड़े अशोक के फिल्म स्टार बनने के बाद, गांगुली परिवार अक्सर बॉम्बे का सफर करता था और तभी आभास कुमार ने अपना नाम बदलकर किशोर कुमार रख लिया. यंग किशोर ने अपने करियर की शुरुआत बॉम्बे टॉकीज में कोरस गायक के रूप में की थी. उनकी पहली फिल्म 1946 में रिलीज हुई फिल्म 'शिकारी' थी जिसमें उनके भाई अशोक ने मुख्य भूमिका निभाई थी. किशोर कुमार ने 1948 में फिल्म 'जिद्दी' के लिए "मरने की दुआएं क्यों मांगू" गाना भी गाया था. 1949 में, कुमार बॉम्बे में बस गए और उन्हें अपने भाई अशोक के माध्यम से अभिनय का काम मिलना शुरू हुआ. लेकिन किशोर कुमार को एक्टिंग से ज्यादा गायकी में दिलचस्पी थी. 1946 से 1955 के बीच किशोर कुमार ने 22 फिल्मों में काम किया, जिनमें से 16 फ्लॉप रहीं. लेकिन 1955 और 1966 के बीच हालात बदल गए और कुमार को 'लड़की', 'नौकरी', 'मिस मलेशिया', 'चार पैसे' और 'बाप रे बाप' जैसी फिल्मों में एक्टिंग में कुछ सफलता मिली. 

किशोर कुमार के सॉन्ग्स में योडेलिंग उनका सिगनेचर पार्ट था. उन्होंने इसे "तुम बिन जाऊं कहां", "जिंदगी एक सफर है सुहाना" और "चला जाता हूं" जैसे गीते में गाया है. उनका गायन और योडेलिंग जिम्मी रॉजर्स और टेक्स मोल्टन जैसे वेस्टर्न सिंगर्स से प्रेरित थे. फिल्म हाफ टिकट का गाना "आके सीधी लागे दिल पे" किशोर कुमार के फैंस के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है क्योंकि कुमार ने गाने के पुरुष और महिला दोनों हिस्सों को खुद से गाया था. 

आपको बता दें कि, 50 के दशक से लेकर 70 के दशक की शुरुआत तक कुमार देव आनंद की आवाज़ थे. पेइंग गेस्ट से "माना जनाब ने पुकारा नहीं", चलती का नाम गाड़ी से "हाल कैसा है जनाब का", नौ दो ग्यारह से "हम हैं राही प्यार के", फंटूश से "ऐ मेरी टोपी पलट के आ" जैसे गाने. "एक लड़की भीगी भागी सी" आज भी हिट माना जाता है. आशा भोंसले और किशोर कुमार ने एसडी बर्मन के लिए "हाल कैसा है जनाब का" और "छोड़ दो आंचल" जैसे कई कपल सॉन्ग भी गाए हैं. 

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इस बात में कोई शक नहीं है कि, किशोर कुमार भारतीय फिल्म और म्यूजिक इंडस्ट्री के सबसे बड़े नामों में से एक हैं और आज भी सिंगर भारतीय सिनेमा में उनके योगदान से प्रेरणा लेते हैं. किशोर कुमार के जन्मदिन पर, पूरे देश में गायक की टैलेंट की गतिविधियाँ और इवेंट आयोजित किए जाते हैं. 

अपने पूरे करियर में, कुमार ने आठ फिल्मफेयर पुरस्कार जीते हैं जो अब तक एक रिकॉर्ड है. हिंदी के अलावा, किशोर कुमार ने बंगाली, मराठी, असमिया, गुजराती, कन्नड़, भोजपुरी, मलयालम और उर्दू सहित कई भारतीय भाषाओं में भी गाने गाए हैं.