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Madgaon Express: कैसे एक्टर से डायरेक्टर बने कुणाल खेमू? दिल चाहता से की मडगांव एक्सप्रेस की तुलना

Madgaon Express: मडगांव एक्सप्रेस कुणाल खेमू के डायरेक्शन में बनी पहली फिल्म है जिसमें तीन दोस्तों के गोवा ट्रिप पर जाने की मजेदार कहानी है.

Updated on: 18 Mar 2024, 04:34 PM

नई दिल्ली:

Kunal Khemu Madgaon Express: बॉलीवुड एक्टर कुणाल खेमू बिंदास एक्टर हैं. उन्होंने चाइल्ड एक्टर के तौर पर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया है. फिलहाल, कुणाल खेमू एक्टर से डायरेक्टर बन गए हैं. उन्होंने अपनी पहली फिल्म 'मडगांव एक्सप्रेस' (Madgaon Express) बनाई है जिसका ट्रेलर रिलीज हो चुका है. फिल्म इसी साल 22 मार्च को रिलीज के लिए तैयार है. इसमें देव्येन्दु, प्रतीक गांधी और अविनाश तिवारी लीड रोल प्ले कर रहे हैं. फिल्म में तीन दोस्तों के गोवा ट्रिप पर जाने की मजेदार कहानी है. अपने डायरेक्शन डेब्यू को लेकर कुणाल खेमू काफी चर्चा में हैं. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में फिल्म बनाने को लेकर काफी दिलचस्प बातें साझा की हैं. साथ ही ये भी बताया कि कैसे वो एक्टर से डायरेक्टर बन गए हैं. 

कैसे डायरेक्टर बने कुणाल खेमू
कुणाल खेमू ने फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी के साथ मिलकर'मडगांव एक्सप्रेस' बनाई है. ये फिल्म उनके मुंबई में ट्रेन से जुड़े अनुभवों का सार है. उन्होंने फिल्म के नाम 'मडगांव एक्सप्रेस' के बारे में बताया, कि वास्तव में उन्हें यह फिल्म कैसे मिली. उन्होंने कहा कि बिल्कुल.. फिल्म का नाम "मडगांव एक्सप्रेस" रखना और ट्रेन यात्रा दिखाना मेरे व्यक्तिगत अनुभव से प्रभावित था. नाम का मुझ पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा और यह गोवा पर आधारित कहानी के लिए  परफेक्ट लगा. 

 
 
 
 
 
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दिल चाहता से की फिल्म की तुलना
कुणाल से जब फरहान अख्तर की फिल्म 'दिल चाहता है' को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने सहमित जताई कि 'मडगांव एक्सप्रेस' कहीं न कहीं दिल चाहता से इंस्पायर है. वो कहते हैं, "दिल चाहता है" मेरे सहित कई लोगों के लिए प्रेरणा रही है. अपनी फ़िल्म लिखते समय, मैंने एक ऐसी यात्रा की कल्पना की थी जहां सब कुछ गलत हो जाता है. एक प्रकार से ये "दिल चाहता है" है जिसमें खूब सारी गड़बड़ भरी हुई है. फरहान और रितेश ने मुझे रचनात्मक स्वतंत्रता दी जिसके कारण मैं इसे बना पाया हूं. ये दिल चाहता ही है जिसमें काफी सारे हेर-फेर हैं.

फरहान के सपोर्ट से संभाली डायरेक्टर की कुर्सी
कुणाल ने यह भी बताया कि एक्टर होने के नाते और फिल्म इंडस्ट्री में इतना लंबा समय बिताने के बाद कहीं न कहीं डायरेक्टर बनने का सपना उनके मन में था. इसलिए उन्होंने फिल्म बनाने का फैसला किया. इसमें फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी ने उनपर भरोसा जताया और उन्हें डयारेक्शन में उतरने की हिम्मत दी. कुणाल ने यह भी खुलासा किया कि फिल्म की कहानी को लेकर जब वो पहली बार फरहान अख्तर से मिले तो उन्होंने कुणाल का सपोर्ट किया और डायरेक्टर की कुर्सी संभालने को कहा था.