Haryana Assembly Election Results 2019: हरियाणा में जाटों ने खड़ी कर दी मनोहर लाल खट्टर की खाट
Haryana Assembly Election Results 2019 चुनाव से पहले कहां 75 पार का दावा कर रही बीजेपी को अब सरकार बनाने के लाले पड़ गए हैं. जाट वोटरों की खट्टर सरकार से नाराजगी बीजेपी पर भारी पड़ी.
नई दिल्ली:
Haryana Assembly Election Results 2019: हरियाणा विधानसभा चुनाव का परिणाम और रुझानों ने तय कर दिया कि राज्य के चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दे नहीं चलते. चुनाव से पहले कहां 75 पार का दावा कर रही बीजेपी को अब सरकार बनाने के लाले पड़ गए हैं. जाट वोटरों की खट्टर सरकार से नाराजगी बीजेपी पर भारी पड़ी. बीजेपी ने इस चुनाव में लोकल मुद्दों के बजाय 370, सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, तीन तलाक और पाकिस्तान को मुद्दा बनाया. चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान खुद से लड़ रही कांग्रेस जाट वोटरों पर फोकस किया और उसका उसे फायदा भी मिला.
महज 5 महीने पहले बीजेपी की आंधी चली थी. लोकसभा की सभी 10 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया और साथ ही 90 में से 89 विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने बढ़त भी हासिल की थी. शायद यही वजह थी कि बीजेपी 75 पार का लक्ष्य लेकर मैदान में उतरी थी. बीजेपी के पास मोदी का चेहरा था और अमित शाह की रणनीति भी थी. लेकिन परिणाम ऐसा आएगा इसको लेकर बीजेपी का थिंक टैंक कभी सोचा भी नहीं होगा.
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खट्टर सरकार के अधिकतर मंत्री चुनाव हार चुके हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को भी शिकस्त मिली. बीजेपी के सबसे बड़े जाट चेहरे कैप्टन अभिमन्यु का चुनाव हारना भी इस बात का प्रमाण है कि जाट वोटर खट्टर सरकार से बेहद खफा थे.
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चुनाव से कुछ दिन पहले ही जाटों के सबसे बड़े नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस की कमान मिली तो इस वर्ग के वोटरों को विकल्प मिल गया. जाटों ने खट्टर की खाट खड़ी कर दी. लोकल मुद्दों से भागने वाली बीजेपी को अनुच्छेद 370 भी नहीं बचा पाया, वह भी तब जब इस राज्य से सबसे ज्यादा सैनिक आते हैं.
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हरियाणा में खबर लिखे जाने तक रुझानों और परिणाम में अभी किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. सत्तारूढ़ बीजेपी को कांग्रेस कड़ी टक्कर दे रही है और सत्ता की चाबी महज 10 महीने पुरानी पार्टी जेजेपी के पास है. दुष्यंत चौटाला बड़े किंग मेकर बनकर उभरे हैं. वहीं बीजेपी की इस दशा पर पार्टी के बड़े नेता कैलाश विजय वर्गीय का कहना है कि चुनाव प्रबंधन में कहीं न कहीं कमी रह गई.
ये कांग्रेस नहीं हुड्डा की जीत है
- हुड्डा ने हरियाणा में बिना संगठन के बीजेपी को चुनौती दी
- कांग्रेस की पूरे प्रदेश में जिला अध्यक्ष तक नहीं थे.
- अशोक तंवर को कमान तो दी गई लेकिन जिला कमेटियां तक नहीं बनाई गईं
- कांग्रेस का आलाकमान यह नहीं तय कर पाया कि हरियाणा का करना क्या है
हुड्डा ने ऐसे बिगाड़ा बीजेपी का खेल
- बीजेपी प्रत्याशी घोषित होने के एक दिन बाद कांग्रेस की एक लिस्ट जारी की गयी
- हुड्डा ने जाट, जाटव और मुस्लिम पर फोकस किया
- बीजेपी ने जाटों को 20 टिकट दिए , हुड्डा ने 27 टिकट दिए
- 2014 के चुनाव में बीजेपी ने जाटों को 27 टिकट दिए थे.
- हुड्डा ने जाटव को 12 और मुस्लिमों को 6 टिकट दिए.
- हुड्डा ने बीजेपी के ब्राह्मण उम्मीदवार के सामने अपना ब्राह्मण प्रत्याशी खड़ा किया
- बनिया के सामने बनिया, यादव के सामने यादव उम्मीदवार दिया
- जाट के सामने जाट खड़ा करके बीजेपी का खेल बिगाड़ दिया
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