मध्य प्रदेश में कमलनाथ, छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल ने किसानों से किया वचन निभाया, गहलोत कब पूरा करेंगे वादा
मध्य प्रदेश की कमान संभालने के चंद घंटों के भीतर ही CM कमलनाथ ने किसानों की कर्जमाफी वाली फाइल पर साइन कर 34 लाख किसानों को खुशियों की सौगात दे दी.
नई दिल्ली:
मध्य प्रदेश की कमान संभालने के चंद घंटों के भीतर ही CM कमलनाथ ने किसानों की कर्जमाफी वाली फाइल पर साइन कर 34 लाख किसानों को खुशियों की सौगात दे दी. उन्होंने मध्य प्रदेश के किसानों के दो लाख (2 लाख) की सीमा तक का 31 मार्च, 2018 की स्थिति में बकाया फसल ऋण माफ करने का आदेश जारी कर दिया. इसके बाद बारी आई भूपेश बघेल की. छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनते ही भूपेश बघेल ने सोमवार को चुनावी वादे के अनुरूप किसानों की अल्पकालिक फसली ऋण माफ करने की घोषणा कर दी. लेकिन सबसे पहले शपथ लेने वाले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कर्जमाफी की घोषणा करने में पीछे रह गए. राजस्थान की नई सरकार अभी तक किसानों का कर्ज माफ नहीं किया है.
हमने अपना वचन निभाया,
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 17, 2018
किसानों का कर्ज चुकाया ।
उम्मीदों का बीज लगाएंगे,
खेतों की खुशिया लौटाएंगे ।।#CongressNeVachanNibhaya pic.twitter.com/ijxq0aChIa
भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद वादे के मुताबिक किसानों को राहत दी. उन्होंने 16.65 लाख किसानों का सरकारी बैंकों से लिया गया 6100 करोड़ रुपए का कर्ज माफ करने का ऐलान किया. अन्य मदों में बैंकों से लिए गए कर्ज को भी जांच के बाद माफ करने का भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा, 30 नवंबर 2018 की स्थिति के अनुसार सहकारी बैंक व छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक में कृषकों के अल्पकालीन ऋण को माफ कर दिया गया है. इससे 16 लाख 65 हजार से ज्यादा किसानों का 61 सौ करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज माफ होगा. मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय किया गया कि अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों के अल्पकालीन कृषि ऋण के परीक्षण के बाद कृषि कर्ज को माफ करने की कार्रवाई की जाएगी.
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बघेल ने धान पर समर्थन मूल्य भी 2500 रुपए प्रति क्विंटल करने की घोषणा की. अभी किसानों को 1750 रु. प्रति क्विंटल के हिसाब से समर्थन मूल्य मिलता है. अब इसमें 750 रुपए प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि और शामिल की जाएगी. मुख्यमंत्री ने झीरम घाटी हमले की जांच के लिए भी एसआईटी के गठन के आदेश दिए हैं. 2013 में हुए इस नक्सली हमले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नंद कुमार पटेल समेत 29 लोग मारे गए थे. उन्होंने कहा, चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार बनने के 10 दिन के भीतर किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था. इसके साथ ही मक्के का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1700 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति क्विंटल करने का भरोसा दिया था. मुझे बताते हुए खुशी है कि हमने ये दोनों फैसले ले लिए हैं.
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बघेल ने कहा, हमारी सरकार ने इसके साथ ही झीरम घाटी में नक्सली हमले की जांच के लिए एसाआईटी गठित करने का फैसला किया है. इस हमले में नंद कुमार पटेल सहित 29 लोग मारे गए थे. लेकिन साजिशकर्ताओं का अब तक खुलासा नहीं हुआ है. इतिहास में राजनीतिकों का ऐसा संहार कभी नहीं हुआ था. इसलिए दोषियों को पकड़ने के लिए एसआईटी गठित की जाएगी.
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