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Haryana Assembly Election Result 2019: कांग्रेस के लिए शुभ साबित हुआ अशोक तंवर का बागी होना

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह फैसला पार्टी के अंदरूनी विवाद को देखते हुए लिया था.

Updated on: 24 Oct 2019, 04:11 PM

highlights

  • कांग्रेस को इस बार हरियाणा में दोगुनी सीटें
  • पिछली बार कांग्रेस को मिली थी महज 15 सीटें
  • हरियाणा में कुमारी शैलजा-हुड्डा की जोड़ी का कमाल

नई दिल्ली:

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 (Haryana Assembly Election 2019) से ठीक पहले हरियाणा कांग्रेस (Congress) में चल रही अंदरूनी कलह के चलते राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर को उनके पद से हटा दिया गया था. अशोक तंवर ने हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election) के टिकट वितरण को लेकर सवाल उठाया था. तंवर ने कांग्रेस पर विधानसभा चुनाव का टिकट बेचने का आरोप लगाया. बाद में 10 जनपथ के बाहर अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए अशोक तंवर ने कहा कि टिकट का बंटवारा पैसे के आधार पर हो रहा है और 5 करोड़ लेकर टिकट दिया जा रहा है. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह फैसला पार्टी के अंदरूनी विवाद को देखते हुए लिया था. जिसके बाद से अशोक तंवर कांग्रेस के खिलाफ बागी हो गए थे. इसके बाद अशोक तंवर और उनके समर्थकों ने बड़ी तादाद में इकठ्ठा होकर सोनिया गांधी के घर के बाहर प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. अशोक तंवर के बागी होने के बाद कुमारी शैलजा को हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया और भूपिन्दर सिंह हुड्डा को चुनाव प्रचार की कमान सौंप दी गई.

कांग्रेस के लिए शुभ रहा तंवर का बागी होना
हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है. तमाम कयासों के बाद भी रुझानों के मुताबिक देखा जाये तो हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा दिखाई दे रही है. 90 विधानसभा सीटों वाली हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जहां 32 से 44 सीटों के मिलने का अनुमान है तो वहीं कांग्रेस की झोली में भी 30 से 42 सीटें जाती हुई दिखाई दे रही हैं. कुल मिलाकर हरियाणा विधानसभा चुनाव के रुझानों को देखा जाए तो हरियाणा के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर का बागी होना कांग्रेस के लिए शुभ रहा है. एग्जिट पोल के मुताबिक हरियाणा में कांग्रेस को 30 से 42 सीटें मिल सकती है. जबकि, साल 2014 विधानसभा चुनाव में सिर्फ 15 सीटें ही मिली थीं. इस बार राज्य में अगर कांग्रेस को ज्यादा सीटें मिलती हैं तो इसका श्रेय सिर्फ भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के जोड़ी को जाएगा.

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हुड्डा और शैलजा की जोड़ी ने ऐसे किया ये कारनामा
हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की जाट वोटरों पर अच्छी पकड़ है और सूबे में जाटों की आबादी करीब 30 फीसदी है, जबकि कुमारी शैलजा को कमान सौंपने से अशोक तंवर के पार्टी छोड़ने से नाराज दलित समुदाय के वोटरों की नाराजगी दूर हो गई और एक बार फिर दलित वोट कांग्रेस के पाले में आ गए आपको बता दें कि राज्य में करीब 19 फीसदी दलित वोटर हैं जो कि किसी भी दल की जीत को निर्णायक भूमिका में ला सकते हैं. अशोक तंवर की दलित वोटों पर अच्छी पकड़ थी लेकिन उनके जाने के बाद कांग्रेस कुमारी शैलजा को अध्यक्ष बनाकर ट्रंप कार्ड खेला जो कि सफल रहा. आपको बता दें कि राज्य की 90 में से 55 सीटों पर 40 प्रतिशत वोटर जाट समुदाय से आते हैं जबकि, 71 सीटों में से 30 प्रतिशत सीटों पर दलित वोटर्स का प्रभाव ज्यादा है, ऐसे में हूड्डा और कुमारी शैलजा की जोड़ी ने अपने समुदाय के वोटरों पर पकड़ बनाकर कांग्रेस के लिए मुकाबला आसान कर दिया.

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हुड्डा-शैलजा की जोड़ी ने बेअसर की तंवर की बगावत
हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के प्रचार की कमान पूर्व मुख्यमंत्री भूपिन्दर सिंह हुड्डा को दे दी गई, वहीं तंवर के बागी होने के बाद कुमारी शैलजा को सूबे का कांग्रेस अध्यक्ष की कमान सौंपी गई. इन दोनों की जोड़ी ने हरियाणा में मृतप्रायः कांग्रेस में जान फूंकने का काम किया. इन दोनों की जोड़ी के साथ आने के बाद इनके जाट और दलित समुदाय में ये विश्वास जागा कि अब कमान उनके नेताओं के हाथो में है जिसके हुए चुनाव के बाद रुझानों में कांग्रेस बीजेपी को कड़ी टक्कर देते हुए दिखाई दे रही है. पिछली विधानसभा में जहां कांग्रेस को महज 15 सीटें ही मिली थी वहीं इस बार कांग्रेस 32 से 42 सीटों पर कब्जा जमाते हुए दिखाई दे रही है.

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पिछली बार के मुकाबले कांग्रेस को दोगुनी सीटें
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस को महज 15 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी थी जबकि बीजेपी ने 47 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी. इस बार हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने वापसी करते हुए बेहतर प्रदर्शन किया है. रुझानों में कांग्रेस इस बार पिछली बार के मुकाबले दोगुनी से भी ज्यादा सीटों पर कब्जा करते हुए दिखाई दे रही है. यानी इस बार हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेताओं ने जनता में अपना विश्वास पैदा किया है और वापसी की कोशिश की है. एग्जिट पोल के मुताबिक इस बार अगर हरियाणा में मतदान प्रतिशत देखें तो बीजेपी को सबसे ज्यादा 33 फीसदी, वहीं कांग्रेस को 32 फीसदी और जेजेपी को 14 फीसदी वोट मिलते दिखाई दे रहे हैं. जबकि, अन्य के खाते में 21 फीसदी वोट जाते दिख रहे हैं. इस बार हरियाणा में अगर कांग्रेस को ज्यादा सीटें मिलती हैं तो इसका श्रेय भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा की जोड़ी को जाएगा.