सोनिया गांधी के इस प्रस्ताव को अखिलेश यादव, मायावती और ममता बनर्जी ने ठुकराया
लोकसभा चुनाव नतीजे (Lok Sabha Election Result) भले 23 मई (23 May) को आ रहे हैं लेकिन नई सरकार (New Government) के गठन की कोशिशें अभी से शुरू हो गई हैं.
नई दिल्ली:
लोकसभा चुनाव नतीजे (Lok Sabha Election Result) भले 23 मई (23 May) को आ रहे हैं लेकिन नई सरकार (New Government) के गठन की कोशिशें अभी से शुरू हो गई हैं. कांग्रेस (Congress) को उम्मीद है कि नतीजों के बाद वह विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी बनेगी. इस मुहिम के तहत सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) पिछले पंद्रह दिनों से चुनावी नतीजों के गणित का हिसाब-किताब लगाने में लगी हैं. वह लगातार तमाम दलों के बड़े नेताओं और मुखिया से संपर्क में हैं.
सोनिया की तरफ से सभी गैर एनडीए के दलों को लेटर लिखकर इस बैठक में बुलाया गया है. सूत्रों के अनुसार हालांकि पहले 21 मई को इस मीटिंग की बात कही जा रही थी, लेकिन ममता बनर्जी (Mamata Banerji) , मायावती (Mayawati) व अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) जैसे नेताओं के सुझाव पर बैठक 23 मई को रखी गई है. इस बैठक में विपक्ष की ओर से जिन्होंने अपनी मौजूदगी सुनिश्चित की है उनमें एनसीपी के शरद पवार और और डीएम के एम के स्टालिन प्रमुख हैं.
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तेलुगूदेशम पार्टी के अध्यक्ष व आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की कोशिश थी कि चुनाव परिणाम से पहले विपक्षी दल बैठक कर रणनीति तय करें. लेकिन अखिलेश यादव, मायावती और ममता बनर्जी नतीजों के बाद बैठक के पक्ष में थे. दरअसल विपक्ष को उम्मीद है कि इस बार किसी भी गठबंधन को बहुमत नहीं मिलेगा. ऐसे में कांग्रेस ने अपने मुख्य सहयोगी दलों, डीएमके और राष्ट्रवादी कांग्रेस को पत्र भी भेज दिया है. सहयोगी दलों को कहा गया है कि अगर वर्तमान की एनडीए सरकार बहुमत पाने में नाकाम रहती है तो वे सरकार गठन की सभावनाओं की तात्कालिक रणनीत तैयार करें.
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बता दें पिछले पांच सालों में मोदी-शाह जोड़ी की रणनीति रही है कि चुनाव खत्म होते ही आगामी रणनीति में जुट जाना. अतीत में इस रणनीति के चलते कांग्रेस को गोवा व मणिपुर जैसे असेंबली चुनावों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ा था, जब वह सरकार बनने से चूक गई. हालांकि कर्नाटक चुनाव के समय कांग्रेस ने अपनी आगामी रणनीति तैयार की थी, जिसका उसे फायदा मिला. इन सारी चीजों को ध्यान में रखते हुए ही कांग्रेस ने इस बार बिना वक्त गंवाए नतीजे वाले दिन ही उससे निकले संकेतों के आधार पर सरकार बनाने की संभावनाओं पर मंथन करने की योजना बनाई है. कांग्रेस इस बार विपक्ष की सरकार बनने की किसी भी संभावना से चूकने के लिए तैयार नहीं है.
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