यूजीसी ने ऑफर किए 40 पोस्ट ग्रेजुएट, 83 अंडर ग्रेजुएट ऑनलाइन प्रोग्राम
देशभर के छात्र यूजीसी द्वारा ऑफर किए जा रहे इन पाठ्यक्रमों का लाभ उठा सकते हैं. छात्रों को 'स्वयं' ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से इन पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन करना होगा. पूरी जानकारी और पात्रता के लिए छात्र यूजीसी की वेबसाइट चेक कर सकते हैं.
highlights
- यूजीसी ने शुरू किए 123 ऑनलाइन कोर्स
- 40 पोस्ट ग्रेजुएट और 83 ग्रेजुएट प्रोग्राम
- देश भर के छात्रों को मिलेगा इन कोर्स का लाभ
नई दिल्ली:
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grant Commission) ने 123 विभिन्न ऑनलाइन कोर्स (Online Course) शुरू करने का निर्णय लिया है. यूजीसी के इस निर्णय के जरिए कुल 123 ऑनलाइन कोर्स में से पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट के लिए 40 प्रोग्राम और अंडर ग्रेजुएट छात्रों के लिए 83 प्रोग्राम तय किए गए हैं. देशभर के छात्र यूजीसी द्वारा ऑफर किए जा रहे इन पाठ्यक्रमों का लाभ उठा सकते हैं. छात्रों को 'स्वयं' ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से इन पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन करना होगा. पाठ्यक्रमों की पूरी जानकारी और पात्रता के लिए छात्र यूजीसी की वेबसाइट चेक कर सकते हैं.
यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने इस विषय पर एक विशेष नोटिस जारी करते हुए कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण उत्पन्न हुई परिस्थतियों के मद्देनजर विश्वविद्यालय छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखें. छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय 'स्वयं' ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का अधिकतम उपयोग करें.
यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने कहा कि 83 यूजी और 40 पीजी एमओओसी पाठ्यक्रम जुलाई से अक्टूबर सेमेस्टर के लिए हैं. यूजी और पीजी कोर्से में दाखिले के इच्छुक छात्र यूजीसी की साइट पर जाकर आधिकारिक सूचना हासिल सकते हैं.
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इससे पहले यूजीसी की विशेषज्ञ समिति ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में 40 फीसदी पाठ्यक्रम ऑनलाइन और शेष 60 प्रतिशत पाठ्यक्रम ऑफलाइन पढ़ाने का सुझाव दिया है. यह सुझाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए बनाई गई यूजीसी की विशेषज्ञ समिति ने दिए हैं. देशभर में कोरोना महामारी के दुष्प्रभाव को देखते हुए स्कूल से लेकर यूनिवर्सिटी तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यह तैयारी की जा रही है. विश्वविद्यालयों को लेकर यूजीसी ने विशेषज्ञों की एक का समिति का गठन किया था. इसी विशेषज्ञ समिति ने विश्वविद्यालयों में विभिन्न पाठ्यक्रमों का 60 फीसदी हिस्सा कक्षाओं में ऑफलाइन और 40 फीसदी हिस्सा ऑनलाइन पढ़ाने का सुझाव दिया है.
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इसके पहले यूजीसी ने दिसंबर 2020 में छात्रों की आर्थिक सहायता हेतु उन्हें दी जाने वाली फैलोशिप और छात्रवृत्ति 3-3 महीने के बजाय प्रति माह के हिसाब से देने का निर्णय लिया था. कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुए छात्रों के आर्थिक हालात को देखते हुए यह निर्णय लिया गया था. यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने शनिवार को आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा, छात्रों को पहले यह छात्रवृत्ति तीन-तीन महीने के अंतराल पर दी जाती थी, लेकिन अब यह प्रत्येक महीने छात्रों के खाते में भेजी जा रही है.
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