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जेएनयू छात्रों पर हुए हिंसा के विरोध में सड़कों पर उतरे IIT-Madras के छात्र

छात्र समूह ने देश और जेएनयू में जो कुछ हो रहा है, इस पर चर्चा की और इसके बाद तुरंत प्रदर्शन करने का फैसला लिया.

Updated on: 07 Jan 2020, 08:19 AM

highlights

  • JNU हिंसा के खिलाफ सड़कों पर उतरे आईआईटी मद्रास के छात्र. 
  • छात्रों के एक समूह ने जेएनयू में हिंसा और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ जुलूस निकाला.
  • छात्र समूह ने देश और जेएनयू में जो कुछ हो रहा है, इस पर चर्चा की और इसके बाद तुरंत प्रदर्शन करने का फैसला लिया. 

चेन्नई:

दिल्ली (Delhi) के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में रविवार की शाम नकाबपोश गुंडों द्वारा छात्र-छात्राओं की डंडों व लोहे की रॉड से पिटाई के विरोध में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-मद्रास (IIT-M) और मद्रास विश्वविद्यालय के छात्र सोमवार को सड़कों पर उतरे. आईआईटी-एम के छात्र संगठन चिंताबर के एक सदस्य ने एक मीडिया एजेंसी को बताया कि छात्रों के एक समूह ने जेएनयू में हिंसा और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ जुलूस निकाला.

उन्होंने कहा कि छात्र समूह ने देश और जेएनयू में जो कुछ हो रहा है, इस पर चर्चा की और इसके बाद तुरंत प्रदर्शन करने का फैसला लिया. इस बीच मद्रास विश्वविद्यालय के एक छात्र समूह ने धरना दिया. राजनीतिशास्त्र एम.ए. द्वितीय वर्ष के एक छात्र ए.टी. एलाक्कियन ने एक मीडिया एजेंसी से कहा कि हमने विश्वविद्यालय परिसर के अंदर ही सुबह 11.30 से शाम 5.30 तक धरना दिया.

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बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार रात को छात्रों तथा शिक्षकों पर अज्ञात लोगों के हमले के बाद सोमवार को देशभर में प्रदर्शन हुए. वहीं, कुलपति के इस्तीफे की मांग तेज हो गयी जिन पर हिंसा के दौरान निष्क्रिय बने रहने का आरोप लग रहा है. हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत 34 लोग घायल हुए हैं. दिल्ली पुलिस ने बताया कि अभी मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है तथा मामले को अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया गया है जिसने कुछ अहम सुराग मिलने का दावा किया है.

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सभी दलों के नेताओं ने जेएनयू हिंसा की निंदा की. विपक्ष और जेएनयू छात्रों ने हिंसा के लिए भाजपा समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को जिम्मेदार ठहराया तथा दिल्ली पुलिस पर निष्क्रिय रहने का आरोप लगाया.