विदेश में जाकर शिक्षा हासिल करने के लिए भारतीय अमेरिका को पसंद करते हैं.- रिपोर्ट
उच्च शिक्षा को लेकर क्या है भारतीय छात्रों के मन की बात, रिपोर्ट पढ़ें
highlights
- विदेश में जाकर शिक्षा हासिल करने के लिए करीब 67 फीसदी भारतीय अमेरिका (America) को पसंद करते हैं.
- उच्च शिक्षा के लिए विदेश यात्रा करने वाले लगभग 70 प्रतिशत पुरुष थे और 30 प्रतिशत महिलाएं थीं.
नई दिल्ली:
हमारे देश में कई लोग बाहर जा कर पढ़ाई करना चाहते हैं. कई पेरेन्ट्स भी बच्चों को मास्टर्स करने के लिए बाहर भेजने का सपना देखते हैं. हाल ही में फिन-टेक प्लेटफॉर्म प्रोडिजी फाइनेंस की एक नई रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि विदेश में जाकर शिक्षा हासिल करने के लिए करीब 67 फीसदी भारतीय अमेरिका (America) को पसंद करते हैं. वहीं स्टेट ऑफ हायर एजुकेशन (Higher Education) इन स्टडी अब्रॉड मार्केट की रिपोर्ट से पता चला है कि अमेरिका के अलावा, भारतीय छात्र विदेश में अपनी मास्टर डिग्री हासिल करने के लिए यूके (UK) और फ्रांस (France) को पसंद करते हैं. इन दोनों देशों का प्रतिशत 8 फीसदी है.
गौरतलब है कि उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले अधिकांश छात्र महाराष्ट्र (Maharashtra) के 20 प्रतिशत, कर्नाटक (Karnataka) के 15 प्रतिशत, दिल्ली (Delhi) 12 प्रतिशत और तेलंगाना (Telangana) के 8 प्रतिशत छात्र थे. रिपोर्ट में दिखाया गया है कि पिछले साल उच्च शिक्षा के लिए विदेश यात्रा करने वाले लगभग 70 प्रतिशत पुरुष थे और 30 प्रतिशत महिलाएं थीं. अध्ययन में पाया गया कि इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों (Engineering) के लिए, नॉर्थ ईस्टर्न यूनिवर्सिटी, अलिर्ंग्टन में टेक्सास विश्वविद्यालय और स्टीवंस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सबसे पसंदीदा विश्वविद्यालय थे. एमबीए कार्यक्रमों के लिए जॉर्ज टाउन विश्वविद्यालय, टोरंटो विश्वविद्यालय और रोचेस्टर विश्वविद्यालय सबसे लोकप्रिय रहे हैं. उच्च शिक्षा के लिए विदेश यात्रा करने वाले छात्रों में गंभीर अनिश्चितता है क्योंकि पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन के बीच अधिकांश परिवार वित्तीय संकट से गुजरे थे. बावजूद इसके 2019 की तुलना में 2020 में आवेदनों में 41 फीसदी का इजाफा हुआ. 2018 के दौरान देखी गई 108 प्रतिशत की वृद्धि के बाद 2019 में 55 प्रतिशत ऋण संवितरण की तुलना में यह काफी महत्वपूर्ण है.
यह पढ़ें- भारत ने पोखरण में पहला परमाणु बम परीक्षण
2020 में, प्रोडिजी फाइनेंस ने प्रत्येक छात्र को उच्च शिक्षा के लिए ऋण के रूप में लगभग 30 लाख रुपये वितरित किए. साल 2020 ने दुनिया भर के छात्रों, अभिभावकों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए कई चुनौतियां पेश कीं। इसने वित्तीय बाजारों को भी घनीभूत करने के लिए मजबूर किया, जिसने बदले में पूंजी की मात्रा को सीमित कर दिया जो हम पिछले साल छात्रों को तुरंत आपूर्ति कर सकते थे. प्रोडिजी फाइनेंस की ओर से भारत के कंट्री हेड मयंक शर्मा ने कहा, जैसा कि 2021 में अंतरराष्ट्रीय सीमाएं धीरे-धीरे फिर से खुलने लगती हैं और टीकाकरण अभियान को देखते हुए कैंपस लनिर्ंग अगली तिमाही में आशाजनक लग रही है, हम 2020 की तुलना में 2021 में 30-35 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं. प्रोडिजी फाइनेंस ने हाल ही में छह अंतरराष्ट्रीय कॉलेजों के साथ भागीदारी की है, जो भारतीय छात्रों को 800 कॉलेजों और 1000 स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के वैश्विक पोर्टफोलियो की पेशकश करता है. कंपनी ने अब तक दुनिया भर में 20,000 छात्रों की वित्तीय सहायता की है, अब इसका लक्ष्य अगले तीन वर्षों में 20,000 से अधिक योग्य भारतीय छात्रों को 1 अरब डॉलर से अधिक का ऋण वितरित करना है.
यह भी पढ़ें- 15वां अटल फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Aaj Ka Panchang 29 April 2024: क्या है 29 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Arthik Weekly Rashifal: इस हफ्ते इन राशियों पर मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान, खूब कमाएंगे पैसा