FDI सुधारों के मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ RSS का संगठन, स्वदेशी जागरण मंच ने कहा-देश हित को नुकसान
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े संगठन ने सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया में 49 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के साथ सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 फीसदी एफडीआई निवेश का विरोध किया है।
highlights
- FDI सुधारों के मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ उतरा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का संगठन
- स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 फीसदी एफडीआई का फैसला देश के हितों के खिलाफ
नई दिल्ली:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े संगठन ने सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया में 49 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के साथ सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 फीसदी एफडीआई निवेश का विरोध किया है।
स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि सरकार का यह फैसला 'देश के हितों के खिलाफ नहीं है।'
गौरतलब है कि बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सिंगल ब्रांड रिटेल और कंस्ट्रक्शन में ऑटोमेटेड रूट के जरिए 100 फीसदी एफडीआई निवेश की मंजूरी दी जा चुकी है।
इसके साथ ही कर्ज के बोझ से लदी सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया में सरकार ने 49 फीसदी विदेशी निवेश की अनुमति दी है।
सरकार के इस फैसले का सख्त विरोध करते हुए स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा, 'संगठन इस बात में यकीन करता है कि सिंगल ब्रांड रिटेल में एफडीआई को आसान बनाए जाने का फैसला देश के हितों के खिलाफ है।'
और पढ़ें: बजट से पहले सरकार ने लगाई FDI सुधारों की झड़ी, एयरलाइंस, कंस्ट्रक्शन-रिटेल में बढ़ी निवेश की लिमिट
उन्होंने कहा कि सबसे अधिक चिंता की बात 30 फीसदी की अनिवार्य स्थानीय खरीद के प्रावधान को खत्म किया जाना है।
उन्होंने कहा, 'इस फैसले से देश में काम करने वाली विदेशी कंपनियों को दुनिया में कहीं से भी खरीदारी की छूट मिलेगी। यह घरेलू मैन्युफैक्चरर्स के हितों के खिलाफ होगा और साथ ही भारत में मैन्युफैक्चरिंग में होने वाले निवेश को हतोत्साहित करेगा।'
मंच ने कहा कि सरकार का यह फैसला 'मेक इन इंडिया' की नीति के खिलाफ है। संगठन ने सरकार ने इस फैसले की समीक्षा किए जाने की मांग की है।
वहीं एयर इंडिया के विनिवेश का विरोध करते हुए महाजन ने कहा कि सरकारी विमानन कंपनी संकट में है और लेकिन इसमें विदेशी निवेश को मंजूरी देना इस समस्या का बेहतरीन समाधान नहीं है।
पार्टी में भी उठे विरोध के सुर
एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) के मुद्दे पर बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) को विपक्ष के साथ ही अपने घर में भी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि मोदी सरकार का यह फैसला पार्टी लाइन के विपरीत है और इससे देश के छोटे कारोबारियों को नुकसान होगा।
उन्होंने कहा, 'विपक्षी दल के नाते बीजेपी ने रिटेल में 100 फीसदी एफडीआई का विरोध किया था। लेकिन सत्ता में आने के बाद बीजेपी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने इसे लागू कर दिया। यह देश के लिए अच्छा नहीं है। सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 फीसदी एफडीआई लागू करने का फैसला छोटे कारोबारियों के लिए परेशानियां खड़ी करेगा।'
सिन्हा ने कहा कि आने वाला बजट बीजेपी सरकार का अंतिम बजट होगा लेकिन चार बजट बीत जाने के बाद भी देश का भविष्य कोई भी निर्धारित नहीं कर पाया। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था एक बड़ी चिंता का विषय है।
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