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RBI के नए गवर्नर शक्तिकांत दास का बड़ा बयान, कहा- सरकार से विवाद नहीं चर्चा जरूरी

दास ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मेरी पूरी कोशिश होगी कि मैं सभी लोगों के साथ मिलकर और भारतीय अर्थव्यवस्था के हित में काम करूं.

Updated on: 13 Dec 2018, 06:50 AM

नई दिल्ली:

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नए गवर्नर शक्तिकांत दास ने रिजर्व बैंक को 'महान संस्था' बताते हुए बुधवार को कहा कि वह इसकी स्वायत्तता, विश्वसनीयता और निष्पक्षता को बरकरार रखने का प्रयास करेंगे तथा सरकार समेत सभी सम्बद्ध पक्षों को बातचीत के जरिए साथ लेकर चलेंगे. सरकार ने दास को डा. उर्जित पटेल के अप्रत्याशित इस्तीफे के बाद रिजर्व बैंक की कमान सौंपी है. दास प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं और केंद्रीय वित्त मंत्रालय में वित्त सचिव पद से सेवानिवृत हुए हैं.

उन्होंने कहा कि वह अर्थव्यवस्था के लिये जरूरी कदम समय पर उठाएंगे. सबसे पहले उनका सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक करने का कार्यक्रम है. आरबीआई के 25वें गवर्नर का कार्यभार संभालने के बाद मीडिया से पहली बातचीत में उन्होंने आरबीआई को एक 'महान संस्था' बताया. दास नवंबर 2016 में नोटबंदी की घोषणा के समय सरकार के प्रमुख प्रवक्ताओं में थे.

उन्होंने कहा, 'मैं एक संस्थान के रूप में आरबीआई की स्वायत्तता, विश्वसनीयता और निष्पक्षता को बरकरार रखूंगा' मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि आरबीआई पर कोई आंच न आए...आरबीआई एक महान संस्था है और उसकी एक लंबी और समृद्ध विरासत है.'

उन्होंने कहा कि सरकार आरबीआई की एक बहुत महत्वपूर्ण हितधारक है. इसका स्वामित्व सरकार के पास है और वह देश चलाती है. दास ने सरकार के साथ मतभेद और डा पटेल के इस्तीफे से जुड़े किसी सवाल का कोई जवाब नहीं दिया.

उन्होंने कहा, 'मैं आरबीआई और सरकार के बीच के मुद्दों में नहीं जाऊंगा पर यह जरूर है कि हर संस्था को अपनी स्वायत्तता बनाये रखनी है और जवाबदेही के साथ काम करने की जरूरत है.'

दास ने कहा, 'सरकार और आरबीआई के बीच रिश्तों में गतिरोध कहा हैं, मैं नहीं जानता लेकिन मुझे लगता है कि हितधारकों के साथ बातचीत चलती रहनी चाहिए.'

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उन्होंने कहा कि आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल की बैठक तय कार्यक्रम के अनुसार 14 दिसंबर को होगी.