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त्योहारों से पहले आम आदमी को झटका, टीवी, एसी, फ्रिज समेत हवाई ईंधन भी महंगा

गर आप दशहरा या दिपावली के मौके पर कुछ खरीदने के सोच रहे हैं तो अब आपको इसके लिए ज्यादा जेब ढीली करनी होगी

Updated on: 27 Sep 2018, 08:24 AM

नई दिल्ली:

त्योहारों के शुरू होने से पहले महंगाई के मोर्चे पर आम लोगों के लिए बुरी खबर है। अगर आप दशहरा या दिपावली के मौके पर कुछ खरीदने के सोच रहे हैं तो अब आपको इसके लिए ज्यादा जेब ढीली करनी होगी क्योंकि सरकार ने 19 सामानों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 2.5 से 10 फीसदी तक बढ़ा दिया है और यह नई दरें बुधवार की आधी रात से लागू हो जाएंगी।

सरकार ने जिन चीजों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाया है उसमें टीवी, वॉशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर, AC समेत ज्वैलरी समेत कई घरेलू सामान है यानी इन सभी 19 चीजों की कीमतें गुरुवार से बढ़ जाएंगी। रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार ने बढ़ते हुए करंट अकाउंट डेफिसिट की समस्या से निपटने के लिए यह कदम उठाया है। जिन 19 सामानों कर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई उससे देश में सालाना लगभग 86 हजार करोड़ रुपये का आयात होता है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पिछले हफ्ते हुई उच्चस्तरीय बैठक में डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमत और अर्थव्यवस्था को लेकर हुई चर्चा के बाद यह फैसला किया गया है। इस बैठक में पांच कदम उठाने का फैसला किया गया था, जिसमें चालू खाते के बढ़ते घाटे को थामने के लिए गैर जरूरी चीजों के आयात को कम करने का फैसला भी शामिल था।

वॉशिंग मशीन, रेफ्रिजरेट्स और एसी के आयात पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी गई है। यही नहीं एसी और फ्रजि के कंप्रेसर्स पर भी आयात शुल्क 10 फीसदी तक बढ़ा दी गई है।

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कस्टम ड्यूटी बढ़ने का सीधा असर गहनों पर भी पड़ेगा। सोने और चांदी से बने इंपोर्टेड आभूषण पर कस्टम ड्यूटी को 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है। वहीं आर्टीफिशियल डायमंड्स पर कस्टम ड्यूटी 5 फीसदी से बढ़ाकर 7.50 फीसदी कर दी गई है। इसका सीधा असर इन आभूषणों की कीमत पर पड़ेगा और इन्हें खरीदने के लिए आपको ज्यादा पैसे चुकाने पड़ेंगे।

कस्मट ड्यूटी बढ़ने का असर विमान के ईँधनों पर भी पड़ेगा। इसका सीधा असर आपके हवाई यात्रा पर पड़ेगा जिसके लिए आपको पहले के मुकाबले ज्यादा पैसे चुकाने होंगे।

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फुटवेयर पर अब 20 फीसदी से बढ़ाकर शुल्क को 25 फीसदी कर दिया गया है। गैर-औद्योगिक हीरा (कच्चा हीरा के अलावा) पर अब पांच फीसदी की जगह पर 7.5 फीसदी आयात शुल्क लगेगा।

आयातित स्पीकर्स पर आयात शुल्क पांच फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया है, जबकि सोने और चांदी के सामानों पर 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है।

बढ़ते ट्रेड डेफिसिट का सबसे बड़ा कारण डॉलर के मुकाबले रुपये का लगातार कमजोर होना माना जा रहा है। डॉलर के मुकाबले रुपये को और गिरने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने कई नए उपाए और नियम बनाए हैं।