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Cyber Crime: बॉट बाजार में 490 रुपये में बिक रहा लाखों भारतीयों का डेटा

बॉट बाजार के फलने-फूलने के साथ ही कम से कम 6 लाख भारतीयों का डेटा चोरी हो गया है. एक भारतीय की डिजिटल पहचान की औसत कीमत लगभग 490 रुपये है. इसका खुलासा गुरुवार को साइबर सिक्योरिटी के शोधकर्ताओं ने किया. साइबर सुरक्षा कंपनी नॉर्डवीपीएन के शोध के अनुसार, बॉट्स बाजारों के सभी डेटा का 12 प्रतिशत भारतीय डेटा था. बॉट मार्केट ऑनलाइन मार्केटप्लेस हैं, जिनका उपयोग हैकर्स डेटा बेचने के लिए करते हैं, जो वे अपने पीड़ितों के उपकरणों से बॉट मालवेयर के साथ चुराते हैं.

Updated on: 08 Dec 2022, 06:52 PM

नई दिल्ली:

बॉट बाजार के फलने-फूलने के साथ ही कम से कम 6 लाख भारतीयों का डेटा चोरी हो गया है. एक भारतीय की डिजिटल पहचान की औसत कीमत लगभग 490 रुपये है. इसका खुलासा गुरुवार को साइबर सिक्योरिटी के शोधकर्ताओं ने किया. साइबर सुरक्षा कंपनी नॉर्डवीपीएन के शोध के अनुसार, बॉट्स बाजारों के सभी डेटा का 12 प्रतिशत भारतीय डेटा था. बॉट मार्केट ऑनलाइन मार्केटप्लेस हैं, जिनका उपयोग हैकर्स डेटा बेचने के लिए करते हैं, जो वे अपने पीड़ितों के उपकरणों से बॉट मालवेयर के साथ चुराते हैं.

डेटा पैकेट में बेचा जाता है, जिसमें लॉगिन, कुकीज, डिजिटल फिंगरप्रिंट, स्क्रीनशॉट और अन्य जानकारी शामिल होती है, जो एक समझौता किए गए व्यक्ति की पूर्ण डिजिटल पहचान होती है. इस बढ़ते खतरे ने वैश्विक स्तर पर 50 लाख लोगों को पहले ही प्रभावित कर दिया है, जिसमें हैकर्स वेबकैम स्नैप, स्क्रीनशॉट, अप-टू-डेट लॉगिन, कुकीज और डिजिटल फिंगरप्रिंट बेच रहे हैं.

शोधकर्त्ता ने कहा, कम से कम 50 लाख लोगों की ऑनलाइन पहचान चोरी हो गई है और औसतन 490 रुपये में बॉट बाजारों में बेची गई है. सभी प्रभावित लोगों में से 600,000 भारत से हैं, जिससे देश दुनिया में इस खतरे से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. विश्लेषित बाजारों में कम से कम 26.6 मिलियन चोरी किए गए लॉगिन पाए गए. इनमें 720,000 गूगल लॉगिन, 654,000 माइक्रोसॉफ्ट लॉगिन और 647,000 फेसबुक लॉगिन है.

इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने 667 मिलियन कुकीज, 81 हजार डिजिटल फिंगरप्रिंट, 538 हजार ऑटो-फिल फॉर्म, कई डिवाइस स्क्रीनशॉट और वेबकैम स्नैप पाए. डेटा चुराने और इकट्ठा करने वाले सबसे लोकप्रिय प्रकार के मैलवेयर में रेडलाइन, विडार, रैकून, टॉरस और एजोरॉल्ट शामिल हैं. रेडलाइन उनमें से सबसे अधिक प्रचलित है.

रिपोर्ट में कहा गया है, 2ईजी मार्केटप्लेस को 2018 में लॉन्च किया गया था. पहले इसे अन्य बाजारों की तुलना में छोटा माना जाता था. फिर भी स्थिति नाटकीय रूप से बदल गई है. अब, 2ईजी 269 देशों से 600,000 से अधिक चोरी किए गए डेटा लॉग बेचता है.

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.