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छत्‍तीसगढ़ विधानसभा चुनाव : बुलेट पर भारी पड़ी थी EVM, जानें कैसे हुई थी वोटों की बारिश

छत्‍तीसगढ़ में नक्‍सली पहले चरण के चुनावमें व्‍यवधान डालने की हर कोशिश में हैं. चाहे वह लोगों को वोट देने पर जान से मारने की धमकी देना हो या बहिष्कार का बैनर लगाना. इतना ही नहीं नक्‍सलियों ने मंगलवार को दंतेवाड़ा में खूनी खेला.

Updated on: 02 Nov 2018, 08:32 AM

नई दिल्ली:

छत्‍तीसगढ़ में नक्‍सली पहले चरण के विधानसभा चुनाव में व्‍यवधान डालने की हर कोशिश में हैं. चाहे वह लोगों को वोट देने पर जान से मारने की धमकी देना हो या बहिष्कार का बैनर लगाना. इतना ही नहीं नक्‍सलियों ने मंगलवार को दंतेवाड़ा में खूनी खेला. तीन जवानों और डीडी न्‍यूज के एक कैमरामैन को मौत के घाट उतार दिया. नक्‍सलियों का यह खूनी खेल भले ही लोगों में मतदान को लेकर दहशत पैदा करना हो लेकिन पांच साल पहले यहां की जनता ने उन्‍हें मुंहतोड़ जवाब दिया था. बुलेट पर ईवीएम भारी पड़ी थी और बेखौफ लोग घरों से निकले. 

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हम बात कर रहे हैं छत्‍तीसगढ़ के नक्‍सल प्रभावित उन 18 सीटों की जिनपर 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. साल 2013 के चुनाव में इन सीटों पर बंपर वोटिंग हुई थी. लोगों की उंगलियां ईवीएम के बटन पर इतनी दबीं कि नक्‍सली एके-47 के ट्रिगर पर उंगलियां रखना भूल गए. इस साल बीजापुर को छोड़कर औसतन 80 प्रतिशत वोटिंग हुई.

विधानसभा

कुल वोट पड़े

वोटिंग

कोंडागांव

1,25,565

84.78%

मोहलामानपुर

1,15,934

80.55%

नारायणपुर

1,12,491

70.26%

राजनांदगांव

1,48,502

82.43%

कांकेर

1,26,502

79.12%

केशकाल

1,41,797

83.47%

खैरागढ़

1,52,219

84.40%

खुज्जी

1,38,060

85.02%

दंतेवाड़ा

1,08,350

62.03%

डोंगरगढ़

1,46,578

82.57%

डोंगरगांव

1,44,907

85.25%

जगदलपुर

1,29,948

73.61%

भानुप्रतापपुर

1,41,001

79.25%

बस्तर

1,14,535

84.29%

चित्रकोट

1,19,311

79.11%

बीजापुर

70,730

45.01%

अंतागढ़

1,01,783

77.34%

बड़ा नुकसान पहुंचाने की फिराक में हैं नक्‍सली

प्रदेश खुफिया विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "बस्तर में नक्सली अपने वजूद के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उनके प्रभाव का क्षेत्र काफी सिमटकर रह गया है लेकिन चुनाव की गहमागहमी के दौरान वे कुछ बड़ा नुकसान पहुंचाने की फिराक में हैं. वे या तो राजनेता, नौकरशाह, सुरक्षाकर्मी, मतदानकर्मियों या मीडिया के लोगों को बड़ा शिकार बनाना चाहते हैं, क्योंकि चुनाव को लेकर इलाके में इनकी आवाजाही शुरू हो गई है."

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कब और कहां नक्सली हमले

  • 13 मार्च 2018:सुकमा में लैंडमाइन ब्लास्ट में 9 जवान शहीद, 25 घायल
  • 11 मार्च 2017: सुकमा के दुर्गम भेज्जी इलाके में नक्सली हमला, 11 सीआरपीएफ जवान शहीद.
  • 11 मार्च 2014: टाहकवाड़ा में सीआरपीएफ पर नक्सली हमला, 16 जवान शहीद.
  • जुलाई 2007: छत्तीसगढ़ के एर्राबोर अंतर्गत उरपलमेटा एम्बुश में 23 सुरक्षाकर्मी मारे गए.
  • अगस्त 2007: छत्तीसगढ़ के तारमेटला में मुठभेड़ में थानेदार सहित 12 जवान शहीद हुए.
  • 1 दिसंबर 2014: सुकमा में सीआरपीएफ की 233 बटालियन पर हमला, 13 जवानों शहीद.
  • 12 जुलाई 2009: राजनांदगांव के एम्बुश नक्सलियों के हमले में 29 जवान हुए थे शहीद.
  • 6 अप्रैल 2010: दंतेवाड़ा ताड़मेटला में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए.
  • सितम्बर 2005: बीजापुर स्थित गंगालूर रोड पर एंटी-लैंडमाइन वाहन पर ब्लास्ट, 23 जवान शहीद.