ये है भारत का सबसे छोटा अरबपति! मात्र 4 महीने की उम्र में बना 240 करोड़ का मालिक
Ekagrah Rohan Murty: अगर कोई बच्चा जन्म के चार महीने बाद अरबपति बन जाए तो इस पर आपको यकीन नहीं होगा. लेकिन एकाग्र रोहन मूर्ति ऐसा ही एक बच्चा है जो चार महीने की उम्र में 250 करोड़ रुपये का मालिक बन गया.
नई दिल्ली:
Ekagrah Rohan Murty: जन्म के मात्र चार महीने बाद ही अगर कोई बच्चा अरबपति बन जाए तो उसे किस्मत ही कहेंगे. दरअसल, ऐसा ही मामला हमारे देश में सामने आया है. जहां 10 नवम्बर 2023 को पैदा हुआ एक बच्चा अरबपति बन गया. इस बच्चे का नाम एकाग्रह रोहन मूर्ति है. नाम से ही आप समझ गए होंगे ये बच्चा इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति के परिवार से ताल्लुक रखता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एकाग्रह रोहन मूर्ति संभवत: भारत का सबसे कम उम्र का अरबपति है. दरअसल, एकाग्रह रोहन मूर्ति नाम का ये बच्चा अपने दादा से मिले शेयरों की बदौलत अरबपति बन गया.
बता दें कि नारायण मूर्ति ने अपने हिस्से के कुछ शेयरों को अपने पोते एकाग्रह रोहन मूर्ति के नाम ट्रांसफर कर दिया. नारायण मूर्ति इंफोसिस के फाउंडर हैं और उन्होंने इंफोसिस के 240 करोड़ रुपये की वैल्यू के शेयर अपने पोते को तोहफे के रूप में दे दिए.
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एकाग्रह रोहन मूर्ति के इंफोसिस के कितने शेयर
बता दें कि नारायण मूर्ति से गिफ्ट में मिले शेयरों के बाद एकाग्रह रोहन मूर्ति के पास अब इंफोसिस के 15,00,000 शेयर हैं. यह कंपनी के कुल शेयरों का 0.04 फीसदी है. एक एक्सचेंज फाइलिंग में इस बारे में जानकारी मिली है. ट्रांसफर किए गए इन शेयरों के बाद नारायण मूर्ति के पास कंपनी के कुल शेयरों का 0.36 फीसदी हिस्सा यानी 1.51 करोड़ शेयर ही बचे हैं. जानकारी के मुताबिक, शेयरों का यह ट्रांसफर 'ऑफ-मार्केट' किया गया है.
जानें एकाग्रह का मतलब
बता दें कि पिछले साल नवम्बर में नारायण और सुधा मूर्ति के बेटे रोहन मूर्ति की पत्नी अपर्णा कृष्णन ने एक बेटे को जन्म दिया. उन्होंने अपने बेटे का नाम एकाग्रह रखा. जानकारी के मुताबिक, यह नाम महाभारत में अर्जुन के एकाग्रह से लिया गया है. जो इस बात का संकेत है ध्यान किसी विशेष चीज पर केंद्रित किया गया है जिसे एकाग्रह के नाम से जाना जाता है. इन्फोसिस की शुरुआत 1981 में हुई थी. तब कंपनी के पास सिर्फ 250 डॉलर की पूंजी थी, लेकिन आज ये कंपनी भारत की दिग्गज कंपनियों में शामिल हैं. पिछले 25 से ज्यादा सालों तक इंफोसिस फाउंडेशन का नेतृत्व करने के बाद सुधा मूर्ति दिसंबर 2021 में रिटायर्ड हो गईं. हाल ही में उन्हें भारत के उच्च सदन राज्यसभा का सदस्य बनाया गया है.
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