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कोरोना वायरस : विश्व बैंक ने भारत को एक अरब डॉलर की आपात सहायता को मंजूरी दी

विश्व बैंक (World Bank) ने बृहस्पतिवार को भारत को कोरोना वायरस (Corona Virus) से निपटने के लिए एक अरब डॉलर की आपातकालीन वित्तीय सहायता के लिए मंजूरी दे दी.

Updated on: 03 Apr 2020, 06:47 AM

वाशिंगटन:

विश्व बैंक (World Bank) ने बृहस्पतिवार को भारत को कोरोना वायरस (Corona Virus) से निपटने के लिए एक अरब डॉलर की आपातकालीन वित्तीय सहायता के लिए मंजूरी दे दी. विश्व बैंक की सहायता परियोजनाओं के 1.9 अरब डॉलर के पहले सेट में 25 देशों की मदद की जाएगी और 40 से अधिक देशों में त्वरित गति से नये अभियान आगे बढ़ाये जा रहे हैं. आपातकालीन वित्तीय सहायता का सबसे बड़ा हिस्सा भारत को दिया जाएगा जो एक अरब डॉलर का होगा.

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विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशकों के मंडल ने दुनियाभर के विकासशील देशों के लिए आपात सहायता के पहले सेट को मंजूरी दी जिसके बाद विश्व बैंक ने कहा, ‘‘भारत में एक अरब डॉलर की आपातकालीन वित्तीय सहायता से बेहतर स्क्रीनिंग, संपर्कों का पता लगाने, प्रयोगशाला जांच, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण खरीदने और नये पृथक वार्ड बनाने में मदद मिलेगी.’’

दक्षिण एशिया में विश्व बैंक ने पाकिस्तान के लिए 20 करोड़ डॉलर, अफगानिस्तान के लिए 10 करोड़ डॉलर, मालदीव के लिए 73 लाख डॉलर और श्रीलंका के लिए 12.86 करोड़ डॉलर की सहायता को मंजूरी दी है. विश्व बैंक ने यह भी कहा कि उसने वैश्विक कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव से निपटने में देशों की मदद करने के लिए 15 महीने के लिहाज से 160 अरब डॉलर की आपातकालीन सहायता जारी करने की योजना को मंजूरी दी.

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लॉकडाउन से भारत की अर्थव्यवस्था को रोजाना 4.64 अरब डॉलर का नुकसान : एक्यूट

कोरोनावायरस महामारी की रोकथाम के लिए देश भर में जारी लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था को हर दिन करीब 4.64 अरब डॉलर का नुकसान होगा. रेटिंग एजेंसी एक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च ने गुरुवार को एक रिपोर्ट के हवाले से इसकी जानकारी दी. एजेंसी का कहना है कि लॉकडाउन के पूरे 21 दिनों के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी ) को 98 अरब डॉलर का नुकसान होगा.

दरअसल, लॉकडाउन में लोगों के घरों से निकलने पर प्रतिबंध के साथ ही उड़ान, परिवहन व अन्य आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप हैं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान झेलना पड़ेगा.

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एक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च के सीईओ शंकर चक्रवर्ती ने कहा, हमने वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी अनुमानों का आकलन करने के लिए कई तरीके अपनाए हैं. हमारा मानना है कि जिस तरह कोविड-19 से पहले पांच फीसदी के विकास का अनुमान लगाया गया था, उससे तुलना करें तो इस बात में जोखिम है कि यह आकंड़ा पांच से छह फीसदी तक पहुंचे.

(With IANS Input)