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Indian Economy Growth: विश्व बैंक ने भारत की विकास दर का अनुमान 6.3% रखा

Indian Economy Growth: विश्व बैंक ने भारत के विकास दर का अनुमान 6.3% रखा

Updated on: 03 Oct 2023, 01:02 PM

नई दिल्ली:

Indian Economy Growth:  भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अच्छी खबर है. विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में भारत की विकास दर का अनुमान 6.3%  रखा है. विश्व बैंक ने कहा कि वैश्विक आर्थिक दबाव के बावजूद भारत की विकास दर तेज गति से बढ़ रही है. बैंक ने बताया कि 1 अप्रैल से शुरू होने वाले चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि जारी है. बैंक ने अपने पूर्वानुमान को बरकरार रखते हुए कहा कि चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है. विश्व बैंक ने अप्रैल की समीक्षा के दौरान इसे कम करने के बाद भारत के लिए अपने विकास पूर्वानुमान को 6.3% पर बरकरार रखा.

मंगलवार को जारी विश्व बैंक के नए भारत विकास अपडेट (IDU) के अनुसार,  वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, भारत 2022-23 में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक था. भारत की विकास दर 7.2 फीसदी के पास थी. यहां तक कि  G-20 देशों में भारत की विकास दर दूसरी सबसे ऊंची रही और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के औसत से लगभग दोगुनी थी. मजबूत घरेलू मांग, मजबूत सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के निवेश और मजबूत वित्तीय क्षेत्रों में उछाल के चलते अर्थव्यवस्था तेज गति से बढ़ी थी.

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हालांकि, बैंक ने  भारत में इस वित्तीय वर्ष में बैंक ऋण पहली तिमाही में करीब 2 फीसदी अधिक बढ़ने की बात कही है. यानी भारत में बैंक लोन पहली तिमाही 15.8 प्रतिशत बढ़ा है. जबकि पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में यह 13.3 प्रतिशत था. भारत की सर्विस सेक्टर 7.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ मजबूत रहने की उम्मीद है जताई गई है और निवेश वृद्धि भी 8.9 प्रतिशत पर मजबूत रहने का अनुमान है.

एशिया क्षेत्र में विकास की रफ्तार तेज

गौरतलब है कि विश्व बैंक ने 2 अक्टूबर को  कमोजर वैश्विक माहौल के दबाव में पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र के विकासशील देशों के लिए अपने विकास अनुमान में कटौती की है. बैंक के पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र  के आर्थिक अपडेट के मुताबिक, सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि (GDP) 2023 में 5 फीसदी और 2024 में 4.5 फीसदी अनुमानित है. जबकि अप्रैल में इस वर्ष के लिए 5.1 फीसदी और अगले वर्ष के लिए 4.8 फीसदी का आकलन किया गया था. बता दें कि पूर्वी एशिया और प्रशांत श्रेत्र के उपाध्यक्ष मैनुएला वी फेरा ने कहा कि आर्थिक विकास की रफ्तार भले ही धीमी है, लेकिन पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र विश्व में तेजी से बढ़ते और सबसे गतिशील क्षेत्रों में से एक बना है.