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कोरोना वायरस के असर से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए चीन ने घटाईं ब्याज दरें, भारत पर होगा ये बड़ा असर

पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (People's Bank of China) ने एक साल की परिपक्वता अवधि के लिये एलपीआर (LPR) 4.15 प्रतिशत से घटाकर 4.05 प्रतिशत कर दिया गया है.

Updated on: 20 Feb 2020, 11:45 AM

बीजिंग:

चीन (China) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण से अर्थव्यवस्था (Economy) पर पड़े असर को दूर करने के लिये ब्याज दरों (Benchmark Lending Rate) में कटौती करने की बृहस्पतिवार को घोषणा की. पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (People's Bank of China) ने एक बयान में कहा कि ऋण की मुख्य ब्याज दर (Loan Prime Rate-LPR) में कटौती की जा रही है, ताकि कंपनियों को इस आपदा से उबरने में राहत मिल सके.

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ब्याज दर को घटाकर 4.05 फीसदी किया
बयान के अनुसार, एक साल की परिपक्वता अवधि के लिये एलपीआर 4.15 प्रतिशत से घटाकर 4.05 प्रतिशत कर दिया गया है. इसी तरह पांच साल की परिपक्वता अवधि वाले ऋण के लिये एलपीआर को 4.80 प्रतिशत से घटाकर 4.75 प्रतिशत कर दिया गया है. पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना हर महीने की 20 तारीख को एलपीआर का मूल्यांकन करता है. चीन के केंद्रीय बैंक ने एलपीआर में ऐसे समय पर कटौती की है जब कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वालों की संख्या 2,100 के पार हो गयी है. इससे संक्रमित लोगों की संख्या भी बढ़कर 74,500 से अधिक हो गयी है. ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण चीन के साथ ही पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर खराब असर पड़ने वाला है.

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मेटल्स और कच्चे तेल में आ सकती है तेजी
केडिया एडवाइजरी (Kedia Advisory) के मैनेजिंग डायरेक्टर अजय केडिया (Ajay Kedia) के मुताबिक चीन के ब्याज दरों पर लिए गए फैसले से भारतीय बाजार पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. हालांकि उनका कहना है कि सोने की कीमतों में अब ज्यादा तेजी पर ब्रेक लग सकता है. अजय कहते हैं कि सोने की विपरीत मेटल्स और कच्चे तेल की मांग में इजाफा होने की संभावना है. दरअसल, चीन में अर्थव्यवस्था में रिकवरी आने पर इंडस्ट्रियल मांग में बढ़ोतरी होगी जिसकी वजह से मेटल्स और कच्चे तेल की मांग में इजाफा हो सकता है. (इनपुट भाषा)