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तेल की बढ़ती कीमतों से चिंतित पेट्रेलियम मंत्रालय ने की एक्साइज़ ड्यूटी में कटौती की मांग

बीजेपी सरकार के 2014 में सत्त में आने के बाद से पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें सबसे ज्यादा ऊंचे स्तर पर है। ऐसे में पेट्रोलियम मंत्रालय ने एक्साइज़ ड्यूटी में कटौती की मांग की है।

Updated on: 23 Jan 2018, 03:05 PM

नई दिल्ली:

बीजेपी सरकार के 2014 में सत्त में आने के बाद से पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें सबसे ज्यादा ऊंचे स्तर पर है। ऐसे में पेट्रोलियम मंत्रालय ने एक्साइज़ ड्यूटी में कटौती की मांग की है।

इस समय दिल्ली में पेट्रोल 72.38 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है जो मार्च 2014 के बाद सबसे ऊंची कीमत है। डीज़ल के दाम भी सबसे ऊंचे स्तर पर 63 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं।

मुंबई में पेट्रोल की कीमत 80 रुपये प्रति लीटर पहुंच चुका है। दिसंबर के मध्य से पेट्रोल की कीमतों में 3.31 रुपये की वृद्धि हुई है। जबकि डीजल 67.30 रुपये में बिक रहा है। मुंबई में वैट और लोकल टैक्स ज्यादा हैं।

ऑयल कंपनीज़ के अनुसार दिसंबर मध्य से डीजल की कीमतों में 4.86 रुपये की वृद्धि दर्ज की गई है।

अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से कहा है कि 2018 के बजट में एक्साइज़ ड्यूटी में कटौती की जाए।

पेट्रोलियम मंत्रालय में सचिव केडी त्रिपाठी ने कहा कि मंत्रालय ने इंडस्ट्री से आए एक प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय को भेजा है। हालांकि उन्होंने इसकी विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया।

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केंद्र सरकार पेट्रोल पर 19.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.33 रुपये प्रति लीटर का एक्साइज़ ड्यूटी लगाती है।

दिल्ली में पेट्रोल पर वैट 15.39 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीजल पर 9.32 रुपये प्रति लीटर है।

ब्रेंट और यूएस वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट क्रूड की कीमत क्रमशः 69.41 अमेरिकी डॉलर और 63.99 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है।

अधिकारियों का कहना है कि बढ़ती कीमतों के मद्देनज़र सरकार को एक्साइज ड्यूटी को कम करना होगा। ताकि आम लोगों पर महंगाई का बोझ न पड़े।

मोदी सरकार के आने के बाद नवंबर 2014 से लेकर जनवरी 2016 के बीच एक्साइज ड्यूटी को 9 बार बढ़ाया गया ताकि तेल की ग्लोबल कीमतों में आई कमी को पूरा किया जा सके। लेकिन टैक्स में पिछले साल अक्टूबर में सिर्फ एक बार 2 रुपये की कटौती की गई।

अक्टूबर 2017 में एक्साइज़ ड्यूटी में कटोती किये जाने से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आई थी। लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में बढ़ती कीमतों के कारण तोल के दाम फिर बढ़ गए हैं।

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