किसानों को वैकल्पिक बाजार से होगा बड़ा लाभ, उपज का मिलेगा बेहतर दाम, जानें और क्या होंगे फायदे
कृषि विपणन संबंधी सुधार को लेकर पूछे गए सवाल पर नेशनल रेनफेड एरिया अथॉरिटी के सीईओ अशोक दलवई ने कहा कि आज तक एपीएमसी (कृषि उत्पाद बाजार समिति) का एकाधिकार रहा है, जो उचित नहीं है.
नई दिल्ली:
किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर चल रही मोदी सरकार ने कृषि उत्पाद बाजार को लेकर पिछले सप्ताह तीन अहम सुधारों की घोषणा की और माना जाता है कि इन सुधारों से किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम मिल पाएगा. कोरोना काल में इस नीतिगत फैसले की अहमियत और किसानों को इससे होने वाले फायदे को लेकर किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर गठित विशेषज्ञों की समिति के अध्यक्ष अशोक दलवई से खास बातचीत की गई है, जिनका कहना है कि किसानों को वैकल्पिक बाजार मुहैया करवाने से उनको कृषि उपज का बेहतर दाम मिलेगा.
यह भी पढ़ें: Coronavirus (Covid-19): एयरलाइन कंपनियों ने घरेलू उड़ानों के लिए बुकिंग शुरू की: सूत्र
APMC को खत्म नहीं किया जा रहा है उसमें सुधार किया जा रहा है: दलवई
कृषि विपणन संबंधी सुधार को लेकर पूछे गए सवाल पर नेशनल रेनफेड एरिया अथॉरिटी के सीईओ अशोक दलवई ने कहा कि आज तक एपीएमसी (कृषि उत्पाद बाजार समिति) का एकाधिकार रहा है, जो उचित नहीं है. उन्होंने कहा, "एपीएमसी को खत्म नहीं किया जा रहा है बल्कि उसमें सुधार किया जा रहा है. आज तक एपीएमसी राज्य सरकारों के अधीन संचालित होता रही है, लेकिन नए मॉडल एक्ट को अमल में लाने पर राज्य सरकारों की एपीएमसी के साथ-साथ निजी क्षेत्र की भी एपीएमसी स्थापित होगी जिससे किसानों को बाजार का विकल्प मिलेगा.
यह भी पढ़ें: कम आय वालों के लिए पेंशन और बीमा की नई स्कीम ला सकती है मोदी सरकार
मॉडल एपीएलएम-2017 के तहत किसी राज्य या संघ शासित प्रदेश के भीतर एपीएमसी की अधिसूचित विपणन क्षेत्र की संकल्पना की जगह कृषि उत्पादन एवं पशुधन विपणन समिति (एपीएलएमसी) का प्रावधान है. दलवई बताते हैं कि जिस प्रकार टेलीकॉम के क्षेत्र में एक से अधिक सेवाप्रदाताओं के आ जाने से उपभोक्ताओं को फायदा हुआ उसी प्रकार कृषि उपज विपणन के क्षेत्र में निजी बाजार स्थापित होने से किसानों को बाजार के बहुत सारे विकल्प मिल जाएंगे, तो उनको जहां अच्छा दाम मिलेगा वहां वे अपनी उपज को बेच पाएंगे.
यह भी पढ़ें: कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, मोदी सरकार ने पूरा वेतन देने का निर्देश वापस लिया
इस अधिनियम में जिनी थोक बाजार और किसान-उपभोक्ता बाजार स्थापित करने और उनका संचालन करने के लिए अनुकूल वातावरण बनाने का प्रावधान है. दलवई ने कहा कि इस अधिनियम को राज्य सरकारें अमल में लाएंगी और कई राज्य ने अब इसे अपनाना शुरू कर दिया है. कृषि उपज विपणन में सुधार को लेकर सरकार ने दूसरा फैसला किसानों को अंतर्राज्यीय विपणन का प्लेटफॉर्म देने की घोषणा की है. इस संबंध में पूछे गए सवाल पर दलवई ने कहा, "एपीएलएमसी संबंधी कानून को राज्य सरकारों अमल में लाएंगी, जबकि किसानों को अंतर्राज्यी व्यापार की सुविधा प्रदान करने का काम केंद्र सरकार करेगी, जोकि एक ऐसा प्लेटफॉर्म होगा जिससे किसी भी राज्य के किसान दूसरे राज्य में अपने उत्पाद बेच पाएंगे। इससे उनको बेहतर दाम मिल पाएगा.
यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस ने तोड़ दी ऑटो एलपीजी उद्योग की कमर, मोदी सरकार से की ये बड़ी मांग
उन्होंने कहा कि सरकारी या निजी एपीएमसी बाजार के बाहर से ही किसान अपने उत्पादों को सीधे दूसरे राज्यों में स्थित कारोबारियों को बेच सकते हैं. दलवई ने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश के किसी गांव से कोई कर्नाटक का कृषि उत्पाद खरीदना चाहता है तो उसे बाजार जाने की जरूरत नहीं है वह सीधे ऑनलाइन प्लेटफार्म से खरीद सकता है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार एपीएमसी मंडियों के लिए ई-नाम है उसी प्रकार इसके लिए भी एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म होगा. वहीं, आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन को लेकर लिए गए फैसले पर पूछे गए सवाल पर दलवई ने कहा कि किसानों को उनके उपज का बेहतर दाम दिलाने के मकसद से ही इस बाबत फैसला लिया गया है. सरकार ने अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दलहन, प्याज और आलू सहित कृषि जनित खाद्य पदार्थों को नियंत्रण से मुक्त करने का फैसला लिया है. इससे जमाखोरी व कालाबाजारी बढ़ने की संभावना को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि देश में अनाजों का उत्पादन खपत के मुकाबले काफी अधिक है इसलिए इस प्रकार का कोई अंदेशा नहीं है.
यह भी पढ़ें: देशभर में 19 फीसदी घटा चीनी का उत्पादन लेकिन यूपी में रिकॉर्ड प्रोडक्शन
नए नियम के अनुसार, इन आवश्यक वस्तु की केटेगरी में आने वाले कृषि उत्पादों पर अब कीमतों में अत्यधिक वृद्धि, प्राकृतिक आपदा और अकाल जैसी असाधारण परिस्थितियों में ही स्टॉक की सीमा पर प्रतिबंध लगाई जाएगी. कोरोना महामारी के कारण पैदा हुई विषम परिस्थिति के कारण किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने में आने वाली कठिनाई को लेकर पूछे गए सवाल पर दलवई ने कहा कि इस विषम परिस्थति में भी किसानों का सारा काम चल रहा है और सरकार जो फैसले ले रही है यह सब भी उनके हितों में ही है, इसलिए किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को तय समयसीमा में हासिल करने को लेकर कोई कठिनाई नहीं आएगी.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Kya Kehta Hai Islam: मृत्यु के बाद क्या होता है आत्मा के साथ, इस्लाम धर्म में छिपा है मौत के बाद का पूरा सच
-
Bahai Religion: बहाई धर्म क्या है, जानें दुनिया का सबसे नया धर्म कब और कैसे आया
-
Shani Jayanti 2024: ये 4 राशियां हैं शनिदेव को बहुत प्रिय, शनि जयंती से इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन!
-
बड़ी रोचक है Somnath Jyotirlinga की कहानी, बहुत कम ही लोग जानते होंगे ये दिलचस्प बातें