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US Federal Reserve: अमेरिकी फेडरल का ब्याज दरों में बदलाव नहीं, जानें क्या होगा भारत पर असर

आपको बता दें कि बैंक के इस  फैसले के बाद एशियाई बाजार में बिकवाली देखी गई. इसके साथ ही अमेरिकी डॉलर मजबूत हो रहा है.

Updated on: 21 Mar 2024, 06:36 PM

नई दिल्ली:

US Federal Reserve: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बड़ा फैसला किया है. अमेरिकी रिजर्व बैंक ने अपने ब्याज दरों में बदलाव न करने का निर्णय किया है. ये पांचवीं बार होगा जब अमेरिकी फेडरल बैंक ब्याज दरों में कोई बदलाव न करने का निर्णय लिया है. कहा जा रहा है कि अमेरिकी बैंक के इस फैसले का असर भारतीय शेयर मार्केट पर पड़ेगा. भारतीय शेयर मार्केट में इससे बिकवाली शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही विदेश से सामान लाना महंगा हो जाएगा. इसके साथ ही लोगों को किसी भी सामान के लिए ज्यादा खर्च करना होगा.

ये पांचवीं बार होगा जब अमेरिकी रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. हालांकि, फेड रिजर्व ने कहा कि इस साल के अंत तक तीन बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. कहा जा रहा है कि अमेरिकी फेडरल बैंक ने ये फैसला अमेरिका में महंगाई दर में कटौती को ध्यान में रखते हुए लिया है. आपको बता दें कि अमेरिका में इंटरेस्ट रेट 22 सालों के उच्चतम लेवल पर पहुंच गया है. आपको बता दें कि फिलहाल अमेरिका में ब्याज दर 5.25 प्रतिशत से लेकर 5.5 प्रतिशत के बीच है. 

महंगाई काबू करने का प्लान

अमेरिकी बैंक ने ये फैसला देश में महंगाई को काबू में करने के लिए किया है. माना जा रहा है कि बैंक का टारगेट अमेरिका में महंगाई दर 2 फिसदी के करीब रहे. वहीं, कोर इन्फ्लेशन रेट का टारगेट 2.4 फिसदी से बढ़ाकर 2.6 फिसदी कर दिया है. आपको बता दें कि अमेरिकी बैंक ने ये फैसला ऐसे मौके पर लिया है जब देश में अर्थव्यवस्था सही से काम कर रही है. 

जेरोम पॉवेल का बयान

इस मौके पर यूएस फेड रिजर्व बैंक के चेयरमैन जेरोम पॉवल का कहना कि ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. पॉवेल ने कहा कि अमेरिका में बेरोजगारी दर और महंगाई धीरे-धीरे काबू में हो रहे हैं. हालांकि साल 2024 के अंत तक देश में इकॉनमी और विकास को तेजी देने के लिए ब्याज दरों में बदलाव किया जा सकता है. माना जा रहा है कि इस साथ के अंत तक बैंक ब्याज दर में कमी कर सकता है. 

भारत पर होगा असर

आपको बता दें कि बैंक के इस  फैसले के बाद एशियाई बाजार में बिकवाली देखी गई. इसके साथ ही अमेरिकी डॉलर मजबूत हो रहा है. रुपए को गिरते देख निवेशक भारतीय शेयर मार्केट से पैसा निकालने में लग गए. इसके साथ ही भारतीय बाजार के लिए आयात होने वाली सभी सामान महंगे हो जाएंगे. आम लोगों को सामान खरीदने के लिए ज्यादा पैसे देने होंगे.