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रिलायंस डिफेंस ने जीता रक्षा मंत्रालय का 916 करोड़ रुपयों का ठेका, शेयर 8 फीसदी चढ़ा

इस करार के तहत कंपनी को भारतीय तटरक्षक बल के लिए 14 तेज रफ्तार गश्ती पोतों के निर्माण और डिजाइनिंग का ठेका मिला है। निविदा में निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों की कंपनियों ने हिस्सा लिया था।

Updated on: 30 Jan 2017, 03:25 PM

नई दिल्ली:

रिलायंस डिफेंस एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (आरडीईएल) ने रक्षा मंत्रालय के साथ 916 करोड़ रुपयों का करार किया है। इसके साथ ही सोमवार को शुरुआती काकोबार में कंपनी का शेयर 8 फीसदी तक ऊपर चढ़ गया।

इस करार के तहत कंपनी को भारतीय तटरक्षक बल के लिए 14 तेज रफ्तार गश्ती पोतों के निर्माण और डिजाइनिंग का ठेका मिला है। रिलायंस इंफ्रास्ट्रचर लिमिटेड की आरडीईएल ने यह ठेका रक्षा मंत्रालय की ओर से हुए निविदा प्रक्रिया के बाद जीता।

इसमें L&T, कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड, गोवा शिपयार्ड लिमिटेड और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स सहित निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों की कंपनियों ने हिस्सा लिया था।

यह पहली बार है भारतीय सेना से जुड़े शिप्स को बनाने और डिजाइनिंग का काम किसी प्राइवेट शिपयार्ज कंपनी को मिला है। फास्ट पैट्रोल वेसेल्स (FPVs) दरअसल, मध्यम दूरी के तीव्रगामी पोत होते हैं। इनका मुख्य रूप से इस्तेमाल विशेष आर्थिक क्षेत्रों में गश्ती करने, तटीय सर्विंलास, तस्कर रोधी, पाइरेसी रोधी, खोज और बचाव अभियानों के लिए किया जाता है। जरूरत पड़ने पर इनका इस्तेमाल फ्रंटलाइन वॉरशिप की मदद के लिए भी होता है।

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