logo-image

और सख्त होगा दीवालिया कानून, बदलाव के लिए अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी

दीवालिया कानून को और अधिक सख्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 'इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड' में बदलाव लाए जाने के लिए अध्यादेश लाने की मंजूरी दी है।

Updated on: 22 Nov 2017, 10:32 PM

highlights

  • दीवालिया कानून को और अधिक सख्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाने की मंजूरी दी है
  • सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इस अध्यादेश को पेश कर सकती है
  • अध्यादेश के लागू होने पर दिवालिया होने वाली कंपनियों के लिए मुश्किलें बढ़ जाएंगी

नई दिल्ली:

दीवालिया कानून को और अधिक सख्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 'इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड' में बदलाव लाए जाने के लिए अध्यादेश की मंजूरी दे दी है।

संसद के शीतकालीन सत्र में इस अध्यादेश को पेश किए जाने की योजना है। 

कानून में बदलाव के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वैसे समय में अध्यादेश को मंजूरी दी है जब दीवालिया कानून का सामना कर रही कंपनियों के प्रवर्तक फिर से कंपनी का नियंत्रण हासिल करने की जोड़-तोड़ में जुटे हुए हैं।

कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि मंत्रिमंडल ने कानून में कुछ बदलाव किए जाने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दी है। गौरतलब है कि दीवालिया प्रक्रिया आसान बनाने के लिए पिछले साल दिसंबर में इस कानून को मंजूरी दी गई थी।

इस कानून के लागू होने के बाद अभी तक 300 से अधिक मामले को नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) मंजूरी दे चुका है।

जेटली ने कहा कि कानून में कुछ संशोधन की सिफारिश की गई थी और इसे अध्यादेश के जरिये पूरा किया जा रहा है। हालांकि उन्होंने बदलाव के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं दी।

हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की सैलरी में होगी बढ़ोत्तरी, कैबिनेट ने दी मंजूरी

अगले महीने शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पहले अध्यादेश को लाए जाने के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा, 'पूरी प्रक्रिया अगले चरण में हैं और इसलिए आप चाहते हैं कि इसे उसी सही दिशा में आगे बढ़ाया जाए।'

कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय पहले ही इस कानून को लागू किए जाने में हो रही समस्या को दूर करने के लिए 14 सदस्यों की समिति का गठन कर चुका है।

मौजूदा कानून भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को एनपीए की समस्या से निपटने का अधिकार देता है। आरबीआई को यह अधिकार दिया गया है कि वह कर्जदारों से कर्ज की वसूली के लिए दीवालिया प्रक्रिया शुरू करे और बैंकों की तरफ से कर्ज की वसूली के लिए रास्ता सुझाने और सहयोग देने के लिए समिति का गठन करे।

बैंकों के बढ़ते एनपीए से निपटने के लिए इस कानून को लाया गया है, जिसमें अब एक बार फिर से बदलाव किए जाने की तैयारी पूरी की जा चुकी है।

मूडीज ने 14 साल बाद बढ़ाई भारत की रेटिंग, नोटबंदी और GST को बताया फायदे का सौदा