Muzaffarpur Shelter Home Case: SC के बाद तेजस्वी की खरी-खरी, सभी आरोपी नीतीश के करीबी, हो रही छिपाने की कोशिश
मुजफ़्फरपुर बालिका आश्रय गृह कांड में सुप्रीम कोर्ट की फ़टकार के बाद अब राज्य में विपक्ष के नेता और पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी नीतीश सरकार को खरी खोटी सुनाई है.
नई दिल्ली:
मुजफ़्फरपुर बालिका आश्रय गृह कांड में सुप्रीम कोर्ट की फ़टकार के बाद अब राज्य में विपक्ष के नेता और पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी नीतीश सरकार को खरी खोटी सुनाई है. तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए कहा, 'आपने इस मामले में केवल FIR (प्राथमिकी) दर्ज़ कराने में दो महीने का समय लगा दिया. इसके बावजूद उस FIR में मुख्य आरोपी का नाम दर्ज़ नहीं किया गया है. इस मामले में संलिप्त होने को लेकर जिनके भी नाम उजागर हे रहे हैं वो सभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के क़रीबी हैं. मुख्यमंत्री इस मामले को पूरी तरह से छिपाने की कोशिश में जुटे हैं.'
It took two months to file FIR in the case and even then name of the main accused wasn’t included. All the names coming up in the case are of those close to Nitish Kumar. The CM is trying his best to brush the case under the carpet: Tejashwi Yadav on Muzaffarpur shelter case pic.twitter.com/nPRzrK1tbt
— ANI (@ANI) November 27, 2018
गौरतलब है कि मंदलवार दोपहर मुजफ़्फरपुर बालिका आश्रय गृह मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से बिहार सरकार को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा है कि बिहार पुलिस ठीक से एफ़आईआर (FIR) भी दर्ज़ नहीं करा पाई है. कोर्ट ने इसमें सुधार की मांग करते हुए कहा कि अगले 24 घंटे में पुलिस IPC (भारतीय दंड संहिता) के सेक्शन 377 (रेप) और POCSO (प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्रोम सेक्सुअल ऑफेंसेस एक्ट) के तहत मामला दर्ज़ करे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'अगर हमने पाया कि अपराध 377 IPC और POCSO एक्ट के तहत हुआ है और आपने FIR में इसका ज़िक्र नहीं किया है तो हम बिहार सरकार के ख़िलाफ़ एक आदेश पारित करेंगे.'
बिहार सरकार को फ़टकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'आप क्या कर रहे हैं? यह शर्मनाक है. अगर एक बच्ची के साथ रेप हुआ है और आप कह रहे हैं कि कुछ नहीं हुआ? आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? यह पूरी तरह से अमानवीय है. हमने पहले भी कहा था कि इस मामले को बेहद संवेदनशीलता के साथ देखा जाए क्या यही आपकी संवेदनशीलता है?' जब भी हमने यह फ़ाइल पढ़ी मुझे दुख़द लगी.'
और पढ़ें- राजस्थान : बीजेपी ने पुराने वादों को पूरा करने का किया दावा, नए वादों को पूरा करने का जताया इरादा
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई का पक्ष रख रहे अधिवक्ता से कहा है कि 'वो सीबीआई से पूछें कि क्या सीबीआई TISS (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल साइट्स) के रिपोर्ट पर आधारित बिहार के 17 आश्रय गृह में हुए रेप मामले में से 9 मामलों की जांच कर सकती है?'
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