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Jharkhand Poll: झारखंड में दलबदलुओं की चांदी, जानिए किसने थामा किस पार्टी का हाथ

इन दोनों पार्टियों के रणनीतिकार भी ठोक-बजाकर ऐसे नेताओं को अपने दलों में शमिल करवा रहे हैं. कई नेताओं को पुरस्कार स्वरूप टिकट भी मिल रहा है.

Updated on: 18 Nov 2019, 02:50 PM

highlights

  • झारखंड में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू. 
  • 30 नवंबर को होने हैं झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान. 
  • जानिए किस नेता ने कौन सी पार्टी का साथ छोड़ किसका दामन थामा. 

रांची:

Jharkhand Poll: झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election 2019) की घोषणा के बाद नेताओं के बीच टिकटों की मारामारी को लेकर मची भगदड़ में ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू-All Jharkhand Student Union) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha-JMM) नेताओं के लिए 'शरणस्थली' बने हुए हैं. इन दोनों पार्टियों के रणनीतिकार भी ठोक-बजाकर ऐसे नेताओं को अपने दलों में शमिल करवा रहे हैं. कई नेताओं को पुरस्कार स्वरूप टिकट भी मिल रहा है.
बीजेपी (Bhartiya Janta Party) की ओर से टिकट के मुख्य दावेदार और पूर्व शिक्षामंत्री बैद्यनाथ राम के टिकट कटने पर राम ने झामुमो से संपर्क किया और अब वह लातेहार से झामुमो के प्रत्याशी हैं. उनका मुख्य मुकाबला झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) से बीजेपी में आए निवर्तमान विधायक प्रकाश राम से है.

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BJP ने पलामू जिले की छतरपुर सीट पर राधाकृष्ण किशोर का टिकट काटा तो उन्होंने आजसू का दामन थाम लिया और अब वह छतरपुर सीट से आजसू के उम्मीदवार हैं. राधाकृष्ण किशोर बीजेपी के मुख्य सचेतक थे.
विपक्षी दलों के महागठबंधन में पाकुड़ की सीट कांग्रेस के खाते में जाने से नाराज साल 2009 में झामुमो से जीतकर विधानसभा पहुंचे अकील अख्तर ने पार्टी को बाय-बाय कर आजसू का दामन थाम लिया. अकील का मुकाबला अब पाकुड़ में कांग्रेस के कद्दावर नेता आलमगीर आलम से होगा. आलमगीर आलम ने 2014 के विधानसभा चुनाव में अकील अख्तर को हराया था.
इसी तरह घाटशिला सीट के झामुमो के खाते में जाने से नाराज कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बालमुचू ने कांग्रेस का 'हाथ' छोड़कर आजसू का दामन थाम लिया.

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भगदड़ की स्थिति किसी एक दल में नहीं है. तमाड़ से आजसू के पूर्व विधायक विकास मुंडा ने भी आजसू का दामन छोड़कर झामुमो का दामन थाम लिया. बहरागोड़ा से बीजेपी से टिकट की आस लगाए समीर मोहंती ने भी बीजेपी का दामन छोड़कर झामुमो का 'तीर-धनुष' उठा लिया है.
झारखंड विधानसभा के लिए अबतक हुए तीन चुनावों में कुछ नेताओं ने दल बदले थे, परंतु जिस अनुपात में इस बार दल-बदल हो रहा है, यह अपने-आप में रिकॉर्ड बन सकता है. आखिरी चरण के चुनाव के लिए नामांकन पूरा होने से पहले, अभी और नेता पाला बदल सकते हैं. सत्तारूढ़ दल बीजेपी और आजसू के गठबंधन में दरार के बीच पाला बदलने वाले नेताओं को एक ठिकाना भी मिल गया है. सूत्रों का दावा है कि कई बड़े नेता अभी दलबदल के लिए तैयार हैं.
आजसू के प्रवक्ता देवशरण भगत कहते हैं, "चुनाव के दौरान दल बदल का सिलसिला नई बात नहीं है. जनता की पसंद वाले दल नेताओं के भी पसंदीदा होते हैं. यही कारण है कि नेता आजसू में आ रहे हैं."

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झारखंड के कुल 81 विधानसभा क्षेत्रों में से 68 प्रत्याशियों की बीजेपी ने अबतक घोषणा कर दी है, जबकि आजसू ने अबतक 12 उम्मीदवारों की सूची जारी की है. गौरतलब है कि 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा के चुनाव के लिए 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान होने हैं. नतीजे 23 दिसंबर को आएंगे. पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि समाप्त हो चुकी है.