logo-image

दिल्ली में बीजेपी से गठबंधन पर जेडीयू में दरार, पवन वर्मा ने नीतीश कुमार से रुख साफ करने को कहा

प्रशांत किशोर के बाद पवन कुमार का इस तरह खुल कर बीजेपी और सीएए के खिलाफ सामने आना यह जाहिर करता है कि जेडीयू में दरार अब चौड़ी होने लगी है.

Updated on: 21 Jan 2020, 02:02 PM

नई दिल्ली:

ऐसा लगता है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) समेत राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) पर जनता दल यूनाइटेड (JDU) में शुरू हुई रार अब बड़ी दरार में बदल रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से पहली बार बिहार के बाहर बीजेपी से गठबंधन करने पर उनकी ही पार्टी में विरोध के सुर उठने लगे हैं. अब पार्टी प्रवक्ता और पूर्व नौकरशाह पवन कुमार ने दिल्ली में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन पर सवाल खड़ा करते हुए नीतीश कुमार से अपनी विचारधारा स्पष्ट करने को कहा है. टि्वटर पर जारी किए दो पन्नों के पत्र में पवन कुमार ने कुछ पुरानी बातों का उल्लेख करते हुए बीजेपी से गठबंधन पर तो सवाल खड़े ही किए हैं, सीएए-एनआरसी पर रुख में बदलाव को देखते हुए जेडीयू नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार को भी कठघरे में भी खड़ा किया है.

यह भी पढ़ेंः Amit Shah Live : जिसे जितना विरोध करना है कर ले, CAA वापस नहीं होगा

हाशिये पर हैं पवन वर्मा और प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर के बाद पवन कुमार का इस तरह खुल कर बीजेपी और सीएए के खिलाफ सामने आना यह जाहिर करता है कि जेडीयू में दरार अब चौड़ी होने लगी है. पवन कुमार वर्मा ने आज दिल्ली में बीजेपी से गठबंधन पर नीतीश कुमार के फैसले की मुख़ालफत करते हुए एक लंबा पत्र न सिर्फ लिखा है बल्कि उसे सोशल मीडिया पर शेयर भी किया है. जेडीयू नेता ने बिहार के सीएम को निजी बातचीत के हवाले से बीजेपी की विभाजनकारी नीतियों पर टिप्पणी पर अपनी विचारधार और रुख स्पष्ट करने को कहा है. गौरतलब है कि जेडीयू में प्रशांत किशोर को शामिल करने और उनकी ताकत बढ़ाने के पीछे पवन वर्मा का हाथ ही माना जाता है. ऐसी चर्चा आम है कि जेडीयू के कई नेता प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल करने पर सहमत नहीं थे, लेकिन वर्मा ने उस वक्त उनका साथ दिया. यह अलग बात है कि इस वक्त खुद वर्मा और प्रशांत किशोर दोनों ही पार्टी में हाशिये पर चल रहे हैं. और तो और, प्रशांत किशोर की कंपनी ने तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के चुनाव प्रचार का जिम्मा भी संभाल रखा है.

यह भी पढ़ेंः अयोध्‍या केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर पीस पार्टी ने दायर की क्‍यूरेटिव पिटीशन

बीजेपी से गठबंधन पर पवन हुए नाराज
सोशल मीडिया टि्वटर पर शेयर किए अंग्रेजी में लिखे दो पन्ने के पत्र में पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को 2012 में हुई मुलाकात की याद दिलाई है. पत्र में उन्होंने लिखा, '2012 में जब पटना में मेरी आपसे भेंट हुई थी, उस वक्त औपचारिक तौर पर मैं पार्टी में शामिल भी नहीं हुआ था. आपने मुझसे बीजेपी और आरएसएस की विभाजनकारी नीतियों और कैसे नरेंद्र मोदी देश के भविष्य के लिए उपयुक्त नहीं हैं, इस पर लंबी चर्चा की थी.' इसके बाद पवन वर्मा ने शालीन भाषा में बेहद तल्ख अंदाज में लिखा है, 'महागठबंधन का नेतृत्व करते हुए आपने आरएसएस मुक्त भारत का नारा दिया था. 2017 में फिर से बीजेपी के साथ जाने के बावजूद भी आप निजी स्तर पर मानते रहे थे कि बीजेपी के विचारों में कोई परिवर्तन नहीं आया है. आपके निजी विचार जो मुझ तक पहुंचे उसमें यही संदेश था कि बीजेपी ने संस्थाओं को नुकसान पहुंचाने का काम किया है.' इसके बाद पवन कुमार वर्मा ने पूछा है कि आखिर अब ऐसा क्या हुआ है जो दिल्ली में बीजेपी से गठबंधन किया गया. इसके साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार से अपना रुख और विचारधारा साफ करने को कहा है.
पवन कुमार ने दिल्ली में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन पर सवाल खड़ा कर नीतीश से विचारधारा स्पष्ट करने को कहा.
अंग्रेजी में लिखे दो पन्ने के पत्र में पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को 2012 में हुई मुलाकात की याद दिलाई है.
हालांकि इस वक्त खुद पवन कुमार वर्मा और प्रशांत किशोर दोनों ही जेडीयू में हाशिये पर चल रहे हैं.