इस तिलिस्मी खजाने के लिए पुतिन ने किया यूक्रेन पर अटैक !
24 फरवरी से रूस लगातार यूक्रेन में बमबारी कर रहा है. आसमान से गिरती रूसी मिसाइलों ने यूक्रेन के कई शहरों को तबाह कर दिया है. रूस ने यूरोप के सबसे बड़े जपोरिजिया न्यूक्लियर पावर प्लांट पर भी हमला करके उसे अपने कब्जे में ले लिया है.
highlights
- लीथियम ने करवाई रूस-यूक्रेन की जंग?
- यूक्रेन में है दुनिया का सबसे बड़ा भंडार
- भविष्य की सबसे बड़ी जरूरत है लीथियम
नई दिल्ली:
24 फरवरी से रूस लगातार यूक्रेन में बमबारी कर रहा है. आसमान से गिरती रूसी मिसाइलों ने यूक्रेन के कई शहरों को तबाह कर दिया है. रूस ने यूरोप के सबसे बड़े जपोरिजिया न्यूक्लियर पावर प्लांट पर भी हमला करके उसे अपने कब्जे में ले लिया है. पुतिन संदेश दे रहे हैं कि वो यूक्रेन को काबू करके रहेंगे. चाहे इसके बदले में यूक्रेन को तबाह ही क्यों न करना पड़ा. लेकिन, सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग क्यों छेड़ी. ऐसा क्या खजाना यूक्रेन में मौजूद है, जिसे पुतिन हथियाना चाहते हैं. दुनिया के लिए ये जानना जरूरी है, क्योंकि पुतिन की नजर यूक्रेन के उस खजाने पर काफी दिनों से टिकी थी.
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खनिज संपदा से मालामाल है यूक्रेन
धरती के जिस टुकड़े पर रूस ने कोहराम मचा रखा है. दरअसल, उसके नीचे 21वीं सदी का सबसे बड़ा खजाना छिपा है. बताया जा रहा है कि ये ऐसा कीमती खनिज है, जो यूक्रेन में ऐसे ही पड़ा हुआ है. जबकि ये इतना उपयोगी है कि स्वच्छ ऊर्जा के भविष्य की नई कहानी लिख सकता है. दरअसल यूक्रेन में लीथियम का सबसे बड़ा भंडार है. यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में लीथियम खनिज का विशाल भंडार छिपा है. बताया जा रहा है यहां लीथियम ऑक्साइड 5 लाख टन से भी ज्यादा मौजूद है. यूक्रेन में लीथियम रिजर्व के साथ कॉपर, कोबाल्ट और निकेल के भी भंडार हैं. यूक्रेन के अलावा लीथियम खनिज का भंडार अफगानिस्तान, चिली, अर्जेंटीना, बोलीविया और ऑस्ट्रेलिया में है. वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर इसका उचित तरीके से दोहन किया जाए तो यूक्रेन दुनिया के सबसे बड़े लीथियम रिजर्व देशों में से एक होगा.
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इसलिए हो रही है लीथियम की चर्चा
लीथियम की चर्चा इसलिए हो रही है, क्योंकि लीथियम लकड़ी से भी हल्का होता है. इसका उपयोग इलेक्ट्रिक कारों में होता है. लीथियम का इस्तेमाल बैटरी बनाने में किया जाता है. लीथियम बैटरी का उपयोग फोन और लैपटॉप में भी होता है. ये इतना उपयोगी है कि एक साल में इसके दाम 4 गुना से ज्यादा बढ़ चुके हैं. इस वक्त यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की अपने देश को क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में बड़ा प्लेयर बनाने की कोशिश कर रहे थे. 2021 के आखिर में यूक्रेन ने स्वच्छ ऊर्जा तकनीक में अहम भूमिका निभाने वाले प्राकृतिक संसाधनों लीथियम रिजर्व, कॉपर, कोबाल्ट और निकेल को लेकर बड़ा फैसला लिया था. यूक्रेन ने भंडारण के एक्सप्लोरेशन को लेकर नीलामी की प्रक्रिया शुरू की थी. जिसके बाद चीन और ऑस्ट्रेलिया के निवेशक लाइन में लग गए थे. यही वजह है कि पुतिन की नजर इसी लीथियम के खजाने पर टिकी है.
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