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UN में पाकिस्‍तान (Pakistan) के नए राजदूत मुनीर अकरम (Munir Akram) का रहा है विवादों से नाता

मुनीर अकरम भारत के खिलाफ जहर उगलने के लिए मशहूर हैं और उनका विवादों से लंबा नाता रहा है. आइए जानें कौन हैं मुनीर अकरम..

नई दिल्‍ली:

संयुक्‍त राष्‍ट्र (United Nations) में पाकिस्‍तान (Pakistan) की फजीहत कराने वाली मलीहा लोधी (Maleeha Lodhi) की जगह अब मुनीर अकरम (Munir Akram) को राजदूत बनाया गया है. 74 साल के मुनीर अकरम (Munir Akram) पहले भी 2002 से 2008 तक संयुक्‍त राष्‍ट्र में राजदूत रह चुके हैं. बता दें अकरम भारत के खिलाफ जहर उगलने के लिए मशहूर हैं और उनका विवादों से लंबा नाता रहा है. आइए जानें कौन हैं मुनीर अकरम (Munir Akram) ..

मुनीर अकरम (Munir Akram) राजनीति शास्त्र के विद्यार्थी रहे हैं, उन्होंने कराची विश्वविद्यलाय से पॉलिटिकल साइंस में M.A. किया है. 1968 में सेंट्रल सुपीरियर सर्विस की परीक्षा (भारत की सिविल सर्विस परीक्षा के समकक्ष) कर वे पब्लिक सर्विस में आए. 1969 में वे विदेश सेवा में आए. उनकी पहली पोस्टिंग यूएन में सेकेंड सेक्रेटरी के तौर पर हुई. कई देशों में काम करने के बाद 1995 में वे यूएनओ के जेनेवा ऑफिस में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि बने. 2003 में पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने उन्हें अहम जिम्मेदारी दी और न्यूयॉर्क स्थित यूएन ऑफिस में स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया.

विवादों से नाता

विवाद-1

2002 में दिसंबर में जब न्यूयॉर्क के लोग क्रिसमस की तैयारी कर रहे थे तो रात 1 बजकर 36 मिनट पर न्ययॉर्क पुलिस को एक महिला ने फोन किया कि एक शख्स ने उसके साथ मारपीट की.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये महिला थी 35 साल की मरिजाना मिहिक. पुलिस मिहिक की शिकायत पर जब घटनास्थल पहुंची तो जिस शख्स के खिलाफ शिकायत मिली थी उसने अपना परिचय राजदूत के तौर पर दिया.

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राजदूत होने की वजह से उन्हें राजनयिक संरक्षण मिला था. इसलिए न्यूयॉर्क पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकी. इस घटना की वजह से अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तानी बड़ी बेइज्जती हुई.

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बाद में न्यूयॉर्क पुलिस ने पाकिस्तान सरकार से मांग की कि मुनीर अकरम (Munir Akram) की डिप्लोमैटिक इम्यूनिटी खत्म की जाए ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके. हालांकि बाद में ये मामला कोर्ट से बाहर सुलझाया गया. पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी की मांग करते हुए पाकिस्‍तान से इजाजत मांगी थी, हालांकि तब पाकिस्‍तान ने उन्‍हें इजाजत नहीं दी थी.

विवाद-2

2003 में ही पाकिस्तान सुरक्षा परिषद का दो सालों के सदस्य बना था. मुनीर को ये जिम्मेदारी निभानी थी. इराक संकट और उत्तर कोरिया पर गंभीर चर्चा करने के बजाय तब 57 साल के रहे मुनीर अकरम (Munir Akram) अपने से 22 साल की जूनियर यूरोपियन मूल की एक लड़की के साथ अफेयर में फंस गए.

जरदारी से भी हो चुका है पंगा

अकरम ने आसिफ अली जरदारी के कार्यकाल में संयुक्त राष्ट्र में बेनजीर भुट्टो की हत्या का मामला उठा दिया था. इस बात पर आसिफ अली जरदारी भड़क गए थे और उन्‍हें बर्खास्‍त कर दिया था.

यूएन से भी छुट्टी

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता और पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो के पति आसिफ अली जरदारी जब पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने तो उन्होंने आसिफ अली जरदारी को यूएन से बाहर कर दिया. दरअसल आसिफ अली जरदारी बेनजीर भुट्टो की हत्या का मामला यूएन में ले जाना चाहते थे, लेकिन मुनीर अकरम (Munir Akram) इससे सहमत नहीं थे, इसके बाद यूएन से उनकी छुट्टी कर दी गई.

कश्मीर मसले पर अक्रामक छवि

मुनीर अकरम (Munir Akram) कश्मीरियों को हथियार उठाने के लिए भड़काते रहते हैं. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद एक लेख में उन्होंने कहा था कि अब हुर्रियत की बजाय हिज्बुल जैसे संगठनों को कश्मीर में लड़ाई शुरू करनी चाहिए. मुनीर अकरम (Munir Akram) ने कहा था कि कश्मीरियों की लड़ाई, पाकिस्तान से दबाव और भारतीय अर्थव्यवस्था पर दबाव के बाद भारत पाकिस्तान के साथ बातचीत की टेबल पर आएगा.