दुनिया को बेवकूफ बना रहा दुष्ट पाकिस्तान, अब आतंकी समूहों पर कर रहा फर्जी एफआईआर
पाकिस्तान पूरी बेशर्मी के साथ आतंकवाद के मसले पर एफएटीएफ समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने का काम कर रहा है.
highlights
- पाकिस्तान आतंकवादियों और आतंकी समूहों के खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज कर रहा.
- एकएफआईआर में जमात-उद-दावा के पुराने नाम दावत-वाल-इरशाद के नाम का उल्लेख.
- पाकिस्तान इस मामले पर सिर्फ अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को गुमराह ही कर रहा है.
नई दिल्ली.:
संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दे पर फजीहत कराने और भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन की दो टूक नसीहत का असर पाकिस्तान पर रत्ती भर भी नहीं पड़ा है. वह पूरी बेशर्मी के साथ आतंकवाद के मसले पर एफएटीएफ समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने का काम कर रहा है. यह तब है जब भारत पाकिस्तान को स्पष्ट कर चुका है कि आतंकवादी समूहों और आतंकियों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं होने तक किसी किस्म की रियायत नहीं मिलने वाली है. इसके बावजूद दुष्टता के चरम पर पहुंच पाकिस्तान के हुक्मरान आतंकवादियों और आतंकी समूहों के खिलाफ फर्जी और कमजोर एफआईआर दर्ज कर रहा है.
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पाकिस्तान की धूर्तता के पुख्ता सबूत
आतंकवादियों के मुद्दे पर पाकिस्तान किस तरह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह कर रहा है इसके पुख्ता सबूत देते हुए सूत्रों ने बताया कि 1 जुलाई को गुजरांवाला पुलिस स्टेशन में प्रतिबंधित दावत-वल-इरशाद के सदस्यों द्वारा एक भूमि सौदे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. दावत-वल-इरशाद, लश्कर-ए-तय्यबा का एक सहायक संगठन जिसके प्रमुख हाफ़िज़ सईद हैं. हालांकि कानून के जानकारों का कहना है कि ये एफआईआर कानूनन सही तरीके से दर्ज ही नहीं की गई.
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एफआईआर में हाफिज सईद का नाम नहीं
एफआईआर में लिखा गया है, 'प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और उसके सहायक संगठन दावत-वल-इरशाद के सदस्यों ने इस जमीन का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए किया है. उन्होंने इस जमीन का इस्तेमाल धन एकत्र करके आतंकी फंडिंग के लिए किया और आतंकवादी के प्रचार के लिए भी इस संपत्ति का इस्तेमाल किया गया.' लेकिन एफआईआर में जमात-उद-दावा या फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के बारे में कुछ भी नहीं लिखा गया है. एफआईआर में सिर्फ जमात-उद-दावा के पुराने नाम दावत-वाल-इरशाद के नाम का उल्लेख है.
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एफएटीएफ की आंखों में धूल झोंक रहा पाकिस्तान
एफएटीएफ की अंतिम बैठक अक्टूबर के पहले सप्ताह में आयोजित होने की उम्मीद है. इसमें पाकिस्तान को ग्रे सूची से बाहर करने या इसे ग्रे सूची में रखने या ब्लैक लिस्ट करने से जुड़ा महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाना है. एफएटीएफ की 27 सूत्रीय कार्ययोजना में आतंकी वित्तपोषण में शामिल अभियुक्त संगठनों से संबंधित सात बिंदु हैं. जाहिर है एफएटीएफ के प्रतिबंधों से खुद को बचाने के लिए पाकिस्तान पैंतरेबाजी में लगा हुआ है. इसलिए वहां के हुक्मरान आतंक संगठनों और आतंकियों के खिलाफ कमजोर और फर्जी मामले बना रहा है. जाहिर तौर पर पाकिस्तान इस मामले पर सिर्फ अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को गुमराह ही कर रहा है.
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