मालदीव में खतरनाक हुए हालात, राष्ट्रपति ने लगाया आपातकाल - सेना ने सुप्रीम कोर्ट को सील किया
तेजी से बदलते घटनाक्रम में राष्ट्रपति यामीन अब्दुल गयूम ने आपातकाल लगा दिया है। राष्ट्रपति ने ऐसे समय में आपातकाल की घोषणा की है, जब सेना पहले ही संसद को घेर चुकी थी।
highlights
- मालदीव में शुरू हुई सियासी गहमागहमी अब खतरनाक मोड़ लेती नजर आ रही है
- तेजी से बदलते घटनाक्रम में राष्ट्रपति यामीन अब्दुल गयूम ने आपातकाल लगा दिया है
- राष्ट्रपति ने ऐसे समय में आपातकाल की घोषणा की है, जब सेना पहले ही संसद को घेर चुकी थी
नई दिल्ली:
पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद की रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से मालदीव में शुरू हुई सियासी गहमागहमी अब खतरनाक मोड़ लेती नजर आ रही है।
तेजी से बदलते घटनाक्रम में राष्ट्रपति यामीन अब्दुल गयूम ने देश आपातकाल लगा दिया है। राष्ट्रपति ने ऐसे समय में आपातकाल की घोषणा की है, जब सेना पहले ही संसद को घेर चुकी थी।
गयूम ने फिलहाल 15 दिनों के लिए देश में आपातकाल की घोषणा की है।
संसद की सदस्य इवा अब्दुल्ला ने कहा, 'सभी बुनियादी अधिकारों को निलंबित किया जा चुका है। सुरक्षा बलों को लोगों को गिरफ्तार करने और उनकी तलाशी लेने के अधिकार दे दिए गए हैं।'
इस बीच मालदीव बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट और पूर्व अटॉर्नी जनरल हुंसू अल सउद ने ट्वीट कर बताया है कि पुलिस और सेना सुप्रीम कोर्ट परिसर में प्रवेश कर चुके हैं और उन्होंने कोर्ट के दरवाजे को तोड़ना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा, 'मालदीव के चीफ जस्टिस ने मुझे बताया है कि सुरक्षा बलों ने सुप्रीम कोर्ट की बूरी बिल्डिंग को बंद कर दिया है।' हालांकि इस खबर की आधिकारिक रूप से अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है।
दरअसल रविवार को राजनीतिक उठापटक के बाद सेना ने संसद परिसर को घेर लिया था, जिसके बाद से ही देश में गंभीर संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
गौरतलब है कि देश में सबसे पहले लोकतांत्रिक ढंग से चुने गए नेता मोहम्मद नशीद ने 2008 में मालदीव की सत्ता संभाली थी। हालांकि फरवरी 2012 में तख्तापलट करते हुए उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया था।
इसके बाद 2015 में आतंकवाद के आरोपों में उन्हें 13 साल कारावास की सजा सुनाई गई थी। हालांकि पूरे मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया जब मालदीव के सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार रात नशीद समेत कारावास में बंद राजनेताओं को तुरंत मुक्त करने का आदेश दिया।
यामीन के सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मानने के बाद से ही देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कोर्ट ने नशीद समेत 12 सांसदों को तुरंत रिहा करते हुए उनकी सदस्यता बहाल किए जाने का आदेश दिया है, जिसे यामीन सरकार मानने से इनकार कर चुकी है।
आपातकाल की घोषण के साथ ही भारतीय विदेश मंत्रालय हरकत में आ गया है। मंत्रालय ने कहा, 'मालदीव का मौजूदा राजनीतिक हालात और कानून-व्यवस्था की स्थिति भारत के लिए चिंता का विषय है। सभी भारतीय नागरिकों को अगली सूचना तक गैर जरूरी यात्राओं से बचने की सलाह दी जाती है।'
मंत्रालय ने मालदीव में रह रहे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित रहने के निर्देश दिए गए हैं और साथ ही उन्हें सार्वजनिक जगहों पर विशेष रूप से सावधान रहने के लिए कहा गया है।
आतंकवाद के मामलों में रिहा होने के बाद नशीद, गयूम से इस्तीफे की मांग कर चुके हैं।
और पढ़ें: पाकिस्तान का दावा, सीपीईसी को निशाना बना सकता है भारत
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