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चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए भागीदारों का चयन करना ईरान का विशेषाधिकार : MEA

ईरान द्वारा चीन और पाकिस्तान को आमंत्रित करने के कुछ दिन बाद भारत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इस परियोजना के लिए अपने भागीदारों का चयन करना ईरान का विशेषाधिकार है।

Updated on: 16 Mar 2018, 09:32 AM

नई दिल्ली:

चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए ईरान द्वारा चीन और पाकिस्तान को आमंत्रित करने के कुछ दिन बाद भारत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इस परियोजना के लिए अपने भागीदारों का चयन करना ईरान का विशेषाधिकार है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘अपने बुनियादी ढांचा संबंधी परियोजनाओं के विकास के लिए अपने भागीदारों का चयन करना ईरान का विशेषाधिकार है।’

रवीश कुमार ने कहा, ‘जैसा कि आपको पता है, भारत अफगानिस्तान एवं मध्य एशिया तक आने- जाने के एक मजबूत एवं वैकल्पिक मार्ग के तौर पर चाबहार बंदरगाह के विकास में मदद कर रहा है।’

गौरतलब है कि ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने अपने तीन दिवसीय दौरे पर पाकिस्तान और चीन को सामरिक रूप से महत्वपूर्ण अपनी चाबहार बंदरगाह परियोजना में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया था।

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विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने कहा कि परियोजना का मकसद किसी को घेरना नहीं है।

आपको बता दें कि भारत बंदरगाह के विकास में एक अहम भागीदार रहा है। यह बंदरगाह भारत के पश्चिमी तट से आसानी से सुगम्य है।

इस बंदरगाह को चीनी निवेश के साथ विकसित किए जा रहे पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह के जवाब के रूप में देखा जा रहा है।

ओमान की खाड़ी में स्थित चाबहार बंदरगाह के पहले चरण का 4 महीने पहले उद्घाटन किया गया था जिसके साथ पाकिस्तान के रास्ते का इस्तेमाल किए बिना ईरान, भारत, अफगानिस्तान के बीच एक सामरिक मार्ग की शुरूआत हुई।

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