नरम पड़े ड्रैगन के तेवर! पुतिन के भारत दौरे के बाद बदले सुर
चीनी राष्ट्रपति वांग ( Chinese Foreign Minister Wang Yi ) ने कहा है कि अगर दोनों राष्ट्र आपसी भरोसा बनाए रखें तो हिमालय भी हमारी दोस्ती में बाधा नहीं बन सकता
नई दिल्ली:
भारत समेत पड़ोसी मुल्कों पर नजर गड़ाए रखने वाले चीन के तेवर नरम पड़ते नजर आ रहे हैं. यही वजह है कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के साथ बॉर्डर पर तनाव में कमी आने की उम्मीद जताई है. वांग ने चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी के वर्चुअल विदाई समारोह में कहा कि हमें म्युचुअल अंडरस्टैंडिंग बनानी चाहिए. चीनी विदेश मंत्री ने आगे कहा कि हमें हमें अस्थाई परिस्थितियों को नजरअंदाज कर देना चाहिए और विचलित नहीं होना चाहिए. इसके साथ ही हमें दीर्घकालिक सोच रखने की आवश्यक्ता है. वांग यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि भारत और चीन एक दूसरे की कामयाबी में मददगार साबित हो सकते हैं. आपको बता दें कि चीन की ओर से नरमी के संकेत ऐसे समय देखने को मिले हैं, जब एक दिन पहले ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत का दौरा कर चुके हैं.
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साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार चीनी राष्ट्रपति वांग ने कहा है कि अगर दोनों राष्ट्र आपसी भरोसा बनाए रखें तो हिमालय भी हमारी दोस्ती में बाधा नहीं बन सकता. लेकिन अगर अविश्वास की स्थिति आती है तो पहाड़ का एक छोर भी हमारे साथ आने के लिए पर्याप्त नहीं है. वांग ने यह भी कहा कि हम दोनों राष्ट्रों को एक-दूसरे को दोषी ठहराने के स्थान पर आपसी समझ को विकसित करना चाहिए. वहीं, विदाई समारोह में मिसरी ने कहा कि पिछले दिनों आई कुछ चुनौतियों ने भारत और चीन के रिश्ते में बड़े अवसरों को खत्म कर दिया था. हालांकि उन्होंने इस बात की उम्मीद जताई है कि दोनों ही देश मौजूदा मुश्किलों को पार कर अपने संबंधों को बनाए रखने में कामयाम रहेंगे.
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