तालिबान क्रूर ही नहीं झूठा भी, सुप्रीम लीडर अखुंदजादा की मौत सालों छिपाई
2020 में पाकिस्तान में एक आत्मघाती हमले में अखुंदजादा के मारे जाने की अफवाह उड़ी थी. यह अलग बात है कि तालिबान ने कभी भी अखुंदजादा की मौत की पुष्टि नहीं की.
highlights
- 2020 में हैबतुल्लाह अखुंदजादा की आत्माघाती हमले में मारे जाने की खबर
- अभी तक तालिबान छिपाता रहा अपने सुप्रीम लीडर के मारे जाने की बात
- अब आमिर अल मुमिनिन ने माना पाकिस्तान में ही मारा गया था लीडर
काबुल:
तालिबान ने अपना आतंक का साम्राज्य बरकरार रखने के लिए क्रूरता के साथ-साथ झूठ का भी सहारा लिया. अफगानिस्तान में दो दशकों बाद काबिज होने पर उसने इस रहस्य से पर्दा उठाया है कि तालिबान के सुप्रीम लीडर हैबतुल्लाह अखुंदजादा की मौत हो चुकी है. 2020 में पाकिस्तान में एक आत्मघाती हमले में अखुंदजादा के मारे जाने की अफवाह उड़ी थी. यह अलग बात है कि तालिबान ने कभी भी अखुंदजादा की मौत की पुष्टि नहीं की, बल्कि हमेशा पर्दा ही डाला. अब तालिबान ने 2016 से तालिबान के सुप्रीम लीडर हैबतुल्लाह के मारे जाने की स्वीकरोक्ति कर दी है. तालिबान के पूर्व नेता अख्तूर मंसूर के अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे जाने के बाद मई 2016 में हैबतुल्लाह अखुंदजादा को चीफ नियुक्त किया था.
तालिबान की सरकार बनने के बाद अटकलें हुईं तेज
गौरतलब है कि अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान की वापसी से ही सब तालिबान का मुखिया अखुंदजादा को लेकर कयास लगा रहे थे. उम्मीद थी कि अंतरिम सरकार के गठन के साथ ही अखुंदजादा सार्वजनिक रूप से सामने आ तालिबान राज की घोषणा करेगा. हालांकि इससे पहले हैबतुल्लाह अखुंदजादा के गायब रहने पर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं. कोई मारे की बात कह रहा था तो कोई जेल में बंद होने की, मगर तालिबान ने इस पूरे मामले में चुप्पी ही साध रखी थी. अब कहीं जाकर उसने पुष्टि कर दी है कि तालिबान का सुप्रीम लीडर मारा जा चुका है. बताते हैं कि अखुंदजादा पाकिस्तानी सेनाओं द्वारा समर्थित आत्मघाती हमले में मारा गया था.
यह भी पढ़ेंः इमरान खान अब सेना के खिलाफ अल्लाह को लुभाने की कोशिश में
2020 में ही मारा गया था हैबतुल्लाह
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान के शीर्ष नेता आमिर-अल-मुमिनिन ने कहा कि हैबतुल्लाह अखुंदजादा पाक सेनाओं द्वारा समर्थित आत्मघाती हमले में शहीद हो चुका है. हैबतुल्लाह अखुंदजादा आज तक कभी भी लोगों के सामने नहीं आया और वह एक रहस्य ही बनकर रहा. न्यू यॉर्क पोस्ट के होली मैक काय भी कहते हैं कि हैबतुल्लाह अखुंदजादा की इंटरनेट पर जारी तस्वीर सालों पुरानी हैं. अफगानिस्तान की सत्ता में वापसी के बाद ऐसी उम्मीदें थीं कि अब अखुंदजादा सार्वजनिक रूप से सबके सामने आएगा, मगर काबुल पर तालिबानी कब्जे के बाद भी वह सामने नहीं आया तो अफवाहों का दौर नए सिरे से शुरू हो गया. इन अफवाहों से तालिबान के लड़ाके और नेता भी अछूते नहीं रहे थे.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: क्यों खास है इस वर्ष अक्षय तृतीया? ये है बड़ा कारण
-
Amavasya Ke Totke: दुश्मनों से हैं परेशान या कोई फैला रहा है नेगेटिव एनर्जी, तो आज रात करें ये उपाय
-
Chanakya Niti: चाणक्य के अनुसार क्या है मनुष्य का असली धर्म, यहां जानिए
-
Rajarajeshwar Temple: राजराजेश्वर मंदिर की क्या है खासियत जहां पीएम मोदी ने टेका माथा