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जर्मनी ने अपनी कंपनियों को विदेशी नियंत्रण में जाने से बचाने के लिए नए कानून को मंजूरी दी

जर्मनी के मंत्रियों ने कोरोना वायरस महामारी के चलते प्रभावित होती अर्थव्यवस्था के बीच देश की कंपनियों को विदेशी नियंत्रण में जाने से बचाने के लिए बुधवार को एक मसौदा कानून को मंजूरी दे दी.

Updated on: 08 Apr 2020, 07:59 PM

बर्लिन:

जर्मनी के मंत्रियों ने कोरोना वायरस महामारी के चलते प्रभावित होती अर्थव्यवस्था के बीच देश की कंपनियों को विदेशी नियंत्रण में जाने से बचाने के लिए बुधवार को एक मसौदा कानून को मंजूरी दे दी. इस तरह के कदमों पर कोविड-19 की शुरुआत से पहले से ही विचार चल रहा था, लेकिन यह ऐसे समय हुआ है जब महामारी के चलते महत्वपूर्ण वस्तुओं की आपूर्ति में कमी को लेकर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं और कुछ सप्ताह पहले ही कोरोना वायरस का टीका खोजने की कोशिश में लगी जर्मन की एक बायोटेक कंपनी के अनुसंधान पर अमेरिका ने कब्जा करने की कथित कोशिश की थी.

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मसौदा कानून पर अभी सांसद मतदान करेंगे. जर्मनी के वित्त मंत्री पीटर आल्टमेयर ने बुधवार को कहा, ‘‘वर्तमान स्थिति दिखाती है कि जर्मनी और यूरोप में हमें खास क्षमताओं तथा प्राद्योगिकियों की आवश्यकता है...अपने सुरक्षा हितों को बेहतर ढंग से सुरक्षित रखने के लिए.’’

उन्होंने कहा कि नया कानून टीकों जैसी महत्वपूर्ण चीजों सहित जर्मनी के आवश्यक सुरक्षा हितों को पूरा करेगा. पिछले महीने जर्मन बायोटेक कंपनी क्योरवैक को अखबार में छपी उस खबर को खरिज करने को विवश होना पड़ा था कि कोराना वायरस रोधी टीके के उसके अनुसंधान के अधिकार प्राप्त करने लिए अमेरिका ने उसे एक अरब डॉलर के भुगतान की पेशकश की थी. कंपनी ने इस तरह की किसी भी पेशकश से इनकार किया था.

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वहीं, अमेरिका के एक अधिकारी ने भी खबर को खारिज किया था. फिर भी, जर्मनी में इस तरह की खबर से रोष है और इसी के चलते आल्टमेयर को कहना पड़ा कि ‘‘जर्मनी बिकाऊ नहीं है.’’ वित्त मंत्री ने बुधवार को क्योरवैक का नाम तो नहीं लिया, लेकिन कहा कि ‘‘कुछ मामलों से पता चलता है कि हमें कोरोना वायरस संकट के समय कार्रवाई करने की आवश्यकता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘नए कानून ने हमारे यूरोपीय सहयोगियों के समक्ष एक उदाहरण पेश किया है.’’