भारत के बढ़ते कद को देख चीन के बदले सुर, वांग यी बोले साथ काम करने को तैयार
गौरतलब है कि चीनी विदेश मंत्री का यह बयान अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 9 दिसंबर को हुए संघर्ष के बाद आया है.
highlights
- भारत-चीन संबंधों पर चीनी विदेश मंत्री का बड़ा बयान
- तवांग में 9 दिसंबर को फिर हुआ था सैनिकों में संघर्ष
- बीजिंग समझ रहा है वैश्विक मंच पर भारत की साख को
बीजिंग:
वैश्विक मंच पर भारत (India) के बढ़ते कद को देख कर चीन (China) के भी सुर बदलने लगे हैं. इसका अंदाजा चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बयान से होता है. चीन के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक चीन संबंधों के स्थिर और मजबूत विकास के माध्यम से भारत के साथ काम करने के लिए तैयार है. वेबसाइट के मुताबिक रविवार को भारत-चीन संबंधों पर पत्रकारों से बात करते हुए वांग यी (Wang Yi) ने कहा, 'चीन और भारत ने राजनयिक और सैन्य-से-सैन्य चैनलों के माध्यम से बातचीत बनाए रखी है. साथ ही दोनों देश सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. भारत चीन-भारत संबंधों के स्थिर और मजबूत विकास की दिशा में हम साथ काम करने के लिए तैयार हैं.'
9 दिसंबर को तवांग में फिर भिड़ गए थे भारत-चीनी सैनिक
गौरतलब है कि चीनी विदेश मंत्री का यह बयान अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 9 दिसंबर को हुए संघर्ष के बाद आया है. इस संघर्ष के बाद विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत और चीन ने 20 दिसंबर को चुशूल-मोल्दो सीमा की कोर कमांडर स्तर की 17वें दौर की बैठक हुई थी. इसमें पश्चिमी सेक्टर से जुड़ी सीमा पर सुरक्षा बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की गई थी. बयान के अनुसार, 'अंतरिम रूप से दोनों पक्ष पश्चिमी क्षेत्र से जुड़ी सीमा पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर सहमत हुए.'
यह भी पढ़ेंः California को मिला पहला सिख मेयर, जानें मिकी होथी के बारे में कुछ बातें
वैश्विक बिरादरी में अलग-थलग पड़ता जा रहा चीन
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष निकट संपर्क में रहने और सैन्य-राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत बनाए रख जल्द से जल्द शेष मुद्दों के पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर काम करने पर सहमत हैं. गौरतलब है कि गलवान घाटी में चीन के पीएलए सैनिकों और भारतीय जवानों की हिंसक भिड़ंत के बाद भारत-चीन तनाव अपने चरम पर है. हालांकि इसके बाद अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ भारत का गठबंधन और मजबूत हुआ है. ताइवान के खिलाफ चीन के आक्रामक रवैये के बाद तो पश्चिमी देशों ने शी जिनपिंग की घेरेबंदी के लिए भारत के समर्थन में ताबड़तोड़ बयानबाजी की. इसके बाद जी-20 की मेजबानी से भी भारत का कद वैश्विक मंच पर और भी बढ़ गया है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
-
SRH vs LSG : हेड-अभिषेक का तूफान, हैदराबाद ने 9.4 ओवर में चेज किया 166 का लक्ष्य, लखनऊ को 10 विकेट से रौंदा
-
SRH vs LSG Dream11 Prediction: हैदराबाद और लखनऊ के मैच में ये हो सकती है बेस्ट ड्रीम11 टीम, इसे चुनें कप्तान
-
DC vs RR : कुलदीप-मुकेश कुमार की घातक गेंदबाजी, दिल्ली ने राजस्थान को 20 रनों से हराया
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: क्यों खास है इस वर्ष अक्षय तृतीया? ये है बड़ा कारण
-
Amavasya Ke Totke: दुश्मनों से हैं परेशान या कोई फैला रहा है नेगेटिव एनर्जी, तो आज रात करें ये उपाय
-
Chanakya Niti: चाणक्य के अनुसार क्या है मनुष्य का असली धर्म, यहां जानिए
-
Rajarajeshwar Temple: राजराजेश्वर मंदिर की क्या है खासियत जहां पीएम मोदी ने टेका माथा