ऑटिज्म भारतीय छात्र को नहीं मिल रहा था स्कूल में दाखिला, अब इसलिए मिल रही है सराहना
यूएई में रहने वाले ऑटिज्म से प्रभावित 19 वर्षीय जिस भारतीय छात्र को एक समय सामान्य स्कूल में दाखिला से देने इनकार कर दिया गया था उसे अब अपनी अनूठी स्मरण शक्ति के कारण सराहना मिल रही है.
दीघा:
यूएई में रहने वाले ऑटिज्म से प्रभावित 19 वर्षीय जिस भारतीय छात्र को एक समय सामान्य स्कूल में दाखिला से देने इनकार कर दिया गया था उसे अब अपनी अनूठी स्मरण शक्ति के कारण सराहना मिल रही है. 'खलीज टाइम्स' के मुताबिक, तमिलनाडु का रहने वाला रोहितपारिथि रामकृष्णन अतीत या भविष्य की किसी तारीख या दिन के बारे में चंद सेकेंड में बता सकता है. रामकृष्णन का जब जन्म हुआ था उस समय उसका वजन महज एक किलोग्राम था, महीनों तक उसे इन्क्यूबेटर पर रखा गया और कई बार सर्जरी भी हुई. वह दो साल का भी नहीं हुआ था तब पता चला कि उसे ऑटिज्म है.
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रामकृष्णन की मां मालिनी ने कहा, 'वह एक अदभुत बालक है. अतिसक्रियता की वजह से उसे एक समय सामान्य स्कूल के लिए अनुपयुक्त करार दिया गया था. हमारे डॉक्टरों ने उसे स्पेशल स्कूल में डालने का सुझाव दिया.' बाद में रामकृष्णन के माता-पिता को अहसास हुआ कि उसके पास असाधारण प्रतिभा है. मालिनी ने कहा, 'वह टीवी पर सुनकर गाने गुनगुनाता था. उसने गणित में कभी गलती नहीं की.'
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वर्ष 2018 में रामकृष्णन कक्षा दसवीं में सफल रहा. रामकृष्णन की स्मरण क्षमता को परखने के लिए उसे 10 वर्षों और तारीखों के बारे में बताने कहा गया और उसने सही-सही जवाब दिए. रामकृष्णन ने विभिन्न समूहों और एसोसिएशनों द्वारा आयोजित इलेक्ट्रॉनिक की-बोर्ड स्पर्धा में सामान्य श्रेणी में जीत हासिल की. मालिनी ने कहा, 'वह एक दो बार संगीत सुनकर, उसी तरह की धुन निकाल सकता है.'
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