ईरान पर अमेरिका करेगा हमला, विमानवाहक पोत और बमवर्षक विमान किया तैनात
ट्रंप ने पिछले साल आठ मई को ईरान के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने का किया था ऐलान
highlights
- अमेरिका ने दी युद्ध की जानकारी
- युद्धपोत की दी जानकारी
- रक्षा मंत्री ने दी युद्ध की जानकारी
वाशिंगटन:
अमेरिका ने ईरान के साथ युद्ध की तैयारी कर ली है. अमेरिका और ईरान के बीच रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे हैं. तेल को लेकर भी अमेरिका और ईरान आमने-सामने हैं. इससे पहले ईरान ने हॉर्मूज जलडमरूमध्य बंद करने की धमकी दी है. अगर ईरान यह रास्ता अपनाता है तो पूरे विश्व में तेल को लेकर हाहाकार मच जाएगा. इस सबसे खफा अमेरिका ने ईरान को सबक सिखाने के लिए युद्ध की तैयारी कर ली है. बताया जाता है कि अमेरिका ने युद्ध का खाका भी तैयार कर लिया है. एक लाख 20 हजार सैनिकों को भेजने का प्लान है.
रक्षा मंत्री ने प्लान की दी जानकारी
ट्रंप ने ईरान के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने का एलान किया था. इसके बाद उसके तेल निर्यात को रोकने के साथ ही उस पर कई प्रतिबंध लगा दिए. ट्रंप ने ईरान पर यह कार्रवाई उसके परमाणु कार्यक्रम और आतंकी गतिविधियों को लेकर की थी. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा सहयोगियों के साथ हुई एक बैठक में अमेरिका के कार्यवाहक रक्षा मंत्री पैट्रिक शानहन ने अपडेट सैन्य प्लान पेश किया. रक्षा मंत्री ने गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों को अपने इस प्लान की जानकारी दी थी. इनमें से कुछ अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार को बताया कि यह सैन्य समीक्षा ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन आर बोल्टन के आदेश पर की गई थी. ईरान को लेकर उनका नजरिया काफी सख्त है.
थल हमले की जानकारी नहीं दी
हालांकि थल हमले की बात नहीं की गई है, क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा सैनिकों की जरूरत होती है, इस बात को लेकर बेहद अनिश्चितता है कि अफगानिस्तान और सीरिया से अमेरिकी बलों की वापसी की मांग करने वाले ट्रंप वास्तव में इतनी बड़ी संख्या में अमेरिकी सैनिक पश्चिम एशिया में फिर भेजेंगे. ट्रंप प्रशासन में ईरान मामले को लेकर मतभेद भी उभरे हैं. कुछ अधिकारियों का कहना है हि योजना अभी प्रारंभिक अवस्था में है जबकि ईरान से गंभीर खतरा है. वहीं कुछ अन्य अधिकारियों ने ईरान मामले का कूटनीतिक समाधान निकालने का आग्रह किया है.
युद्धपोतों की भी तैनाती की गई
अमेरिका ने जब 2003 में इराक पर हमला किया था तब करीब एक लाख 30 हजार सैनिक मोर्चे पर भेजे गए थे. ईरान पर दबाव बनाने के लिए पश्चिम एशिया में अमेरिका ने पहले ही एक विमानवाहक पोत और बमवर्षक विमान तैनात कर दिए हैं. पैट्रियॉट मिसाइलों के अलावा कई अन्य युद्धपोतों की भी तैनाती की गई है. अमेरिका के परमाणु करार से हटने से बढ़ा तनाव ट्रंप ने पिछले साल आठ मई को ईरान के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने का एलान किया था. इसके बाद उसके तेल निर्यात को रोकने के साथ ही उस पर कई प्रतिबंध लगा दिए. ट्रंप ने ईरान पर यह कार्रवाई उसके परमाणु कार्यक्रम और आतंकी गतिविधियों को लेकर की थी.
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