श्रीलंका में सियासी संकट खत्म, महिंद्रा राजपक्षे के इस्तीफा के बाद रानिल विक्रमसिंघे एक बार फिर बने प्रधानमंत्री
महिंद्रा राजपक्षे के इस्तीफा देने के बाद रानिल विक्रमसिंघे एक बार फिर श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं. श्रीलंका के विवादास्पद प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने शनिवार को बेहद दबाव के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था
कोलंबो:
महिंद्रा राजपक्षे के इस्तीफा देने के बाद रानिल विक्रमसिंघे एक बार फिर श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं. श्रीलंका के विवादास्पद प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने शनिवार को बेहद दबाव के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्हें सात हफ्ते पहले एक अप्रत्याशित कदम के तहत देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था, जिससे इस द्विपीय देश में राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया था. टेलीविजन फुटेज के अनुसार, राजपक्षे ने राजधानी में अपने आधिकारिक आवास पर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच इस्तीफे पर हस्ताक्षर किया था. राजपक्षे के इस्तीफे से दो माह लंबा चला सत्ता संघर्ष भी समाप्त हो गया और राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के अधीन नई सरकार बनने का रास्ता भी साफ हो गया. रविवार को एक सादे समारोह में रानिल विक्रमसिंघे ने बतौर प्रधानमंत्री शपथ ले ली.
श्रीलंका में यह राजनीतिक संकट तब पैदा हो गया था, जब सिरिसेना ने अचानक 26 अक्टूबर को प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर दिया था और उनके स्थान पर पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया था. जब सिरिसेना के निर्णय को चुनौती दी गई, तो उन्होंने संसद भंग कर दी और जनवरी में आकस्मिक संसदीय चुनाव की घोषणा कर दी थी.
विक्रमसिंघे की पार्टी यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के प्रवक्ता हरीन फर्नाडो ने बीबीसी से कहा, "राष्ट्रपति कल 10 बजे रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाने के लिए तैयार हो गए हैं." फर्नाडो ने कहा कि इससे राजनीतिक गतिरोध समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस 50 दिनों के संकट की वजह से देश और इसकी अर्थव्यवस्था को 'काफी नुकसान' उठाना पड़ा है. कोलंबो टेलीग्राफ ने यूएनपी सूत्रों के हवाले से कहा, "नए कैबिनेट के मंत्री सोमवार को शपथ लेंगे."
अखबार के मुताबिक, राजपक्षे रविवार को इस्तीफा देने के अपने निर्णय के संबंध में विशेष बयान देंगे. राजपक्षे के बेटे नामल ने कहा कि उनके पिता ने राष्ट्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए इस्तीफा दिया है. राजपक्षे की पार्टी, श्रीलंका पोदुजना पेरामुना(एसएलपीपी) के सांसद शेहान सेमासिंघे ने कहा कि उनके नेता और पार्टी संसद में मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएंगे और राजनीतिक अस्थिरता समाप्त करने के लिए लगातार संसदीय चुनाव की मांग करते रहेंगे.
सर्वोच्च न्यायालय ने राजपक्षे और उनकी सरकार के खिलाफ एक निलंबन आदेश बरकरार रखा, जिसके बाद राजपक्षे ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया था.
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