नेपाल चुनाव: वामपंथी गठबंधन की बनेगी सरकार, CPN-UML 80 सीटों के साथ सबसे बड़ा दल बनकर उभरा
नेपाल में एक साथ हुए संसदीय व प्रांतीय विधानसभा के चुनाव के लिए बुधवार को संपन्न हुई मतगणना के बाद पूर्व प्रधानमंत्री के. पी. ओली की अगुआई में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (नेकपा-एमाले) गठबंधन को संसद की कुल 165 में से 80 सीटें मिलीं हैं।
highlights
- के. पी. ओली की अगुआई में नेकपा-एमाले गठबंधन को संसद की कुल 165 में से 80 सीटें मिली हैं
- नेकपा (माओवादी सेंटर) दूसरे स्थान पर रही, जिसे 36 संसदीय व 73 प्रांतीय विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल हुई
काठमांडू:
नेपाल में एक साथ हुए संसदीय व प्रांतीय विधानसभा के चुनाव के लिए बुधवार को संपन्न हुई मतगणना के बाद पूर्व प्रधानमंत्री के. पी. ओली की अगुआई में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (नेकपा-एमाले) गठबंधन को संसद की कुल 165 में से 80 सीटें मिली हैं।
जबकि पार्टी प्रांतीय विधानसभा की कुल 330 सीटों में 166 सीटें हासिल करने में कामयाब रही। इसी के साथ यह गठबंधन सत्ता का दावेदार भी है।
के पी ओली की अगुआई में वामपंथी दलों के गठबंधन की सरकार बन सकती है। पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के नेतृत्व वाली नेकपा (माओवादी सेंटर) दूसरे स्थान पर रही, जिसे 36 संसदीय व 73 प्रांतीय विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल हुई।
नेपाली कांग्रेस (एनसी) संसद में 23 सीटों व प्रांतीय विधानसभाओं में 45 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही।
हालांकि निर्वाचन आयोग ने संसदीय और प्रांतीय विधानसभा के अंतिम नतीजे बुधवार को जारी कर दिए, लेकिन आनुपातिक प्रतिनिधित्व वाली श्रेणी में मतों की गिनती जारी थी।
निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता नवराज ढकाल ने बताया कि आनुपातिक प्रनिनिधित्व वाली श्रेणी में भी मतों की गिनती अंतिम दौर में है और नतीजे शीघ्र जारी किए जाएंगे।
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सार्वजनिक किए गए नतीजों के मुताबिक, नेकपा-एमाले गठबंधन ने आनुपातिक प्रतिनिधित्व श्रेणी में भी बढ़त बना रखी थी।
2015 में नया संविधान लागू होने के बाद नेपाल में दो चरणों में संसदीय व प्रांतीय विधानसभा के चुनाव संपन्न हुए हैं।
इस ऐतिहासिक चुनाव को नए संविधान के लागू होने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। भारत की सीमा से सटे नेपाल के तराई क्षेत्र में निवास करने वाले मधेसी मूल के लोगों ने नए संविधान का जोरदार विरोध किया था।
इससे पहले नेपाल में 20 साल के अंतराल के बाद इस साल स्थानीय निकायों का चुनाव हुआ था।
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