बंगाल में दुर्गा पूजा कमेटियों को आर्थिक मदद पर फिलहाल रोक नहीं, ममता सरकार से SC ने मांगा जवाब
दुर्गापूजा के दौरान पश्चिम बंगाल में हर पूजा कमेटी को 10-10 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने के ममता बनर्जी सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
कोलकाता:
दुर्गापूजा के दौरान पश्चिम बंगाल में हर पूजा कमेटी को 10-10 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने के ममता बनर्जी सरकार के फैसले पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हालांकि इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार को 6 हफ्ते के भीतर कोर्ट में एफिडेविट जमा करने का आदेश दिया है और फैसले की समीक्षा भी की जा सकती है। हालांकि ममता सरकार के इस फैसले को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए हिन्दुओं को लुभाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। इस फैसले का कई लोगों और संगठनों ने विरोध किया था और मामला कोर्ट तक पहुंच गया था।
ममता बनर्जी ने पूजा कमेटियों को पैसा देने का किया था ऐलान
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 11 सितंबर को राज्य के सभी दुर्गा पूजा कमेटियों को 10000 रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया था। ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल पुलिस के एक कार्यक्रम में इसका ऐलान करते हुए कहा था, 'राजधानी कोलकाता में 3000 हजार और पूरे राज्य में करीब 25000 हजार दुर्गा पूजा कमेटियां है। राज्य सरकार सभी कमेटियों को सामुदायिक विकास कार्यक्रम के तहत 10-10 हजार रुपये की आर्थिक मदद देगी। इस पर कुल 28 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।'
और पढ़ें: ममता बनर्जी ने दुर्गा पूजा के लिए लिखा गीत, कमेटियों को 28 करोड़ आर्थिक मदद का भी ऐलान
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के समय में ही मुस्लिमों के मुहर्रम को लेकर बीते कई साल काफी विवाद हो चुका है। बीते साल भी मूर्ति विसर्जन और मुहर्र्म का विवाद कोलकाता हाई कोर्ट पहुंच गया था जिसके बाद ममत सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। राज्य सरकार पर आरोप लगे थे कि एक वर्ग को संतुष्ट करने के लिए उन्होंने मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा दी थी।
और पढ़ें: ममता बनर्जी का ऐलान, कोलकाता की सभी दुर्गा पूजा कमेटियों को मिलेगी 10000 रुपये की आर्थिक मदद
इस मामले में बीजेपी ने ममता बनर्जी मुस्लिमों का तुष्टिकरण कर हिन्दुओं का अपमान करने का आरोप लगाया था। खासबात यह है कि तृणमूल की गढ़ माने जाने वाले पश्चिम बंगाल में बीजेपी तेजी से अपना आधार बना रही है और उसकी लोकप्रयिता में भी इजाफा हो रहा। बीजेपी ममता पर अक्सर राज्य में एक वर्ग विशेष की तुष्टिकरण का आरोप लगाती है।
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