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महिला मॉडल्स के पुतलों पर दिखा रहे हैं मर्दानगी, तालिबान का कट्टरपन कर देगा हैरान

तालिबानी कट्टरपंथियों  का मानना है कि कपड़े की दुकानों पर सजी खड़ीं ये पत्थर की मॉडल्स पुरुषों का ध्यान भटकाती हैं और उनमें कामुकता लाती हैं. यही वजह है कि वहां की सरकार ने इसको इस्लाम को ठेस पहुंचाने वाला बताया है.

Updated on: 08 Jan 2022, 11:04 PM

नई दिल्ली:

आज जब दुनियाभर में महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिए जाने पर बहस छिड़ी है, वहीं एक मुल्क ऐसा भी है जहां औरतों को आज भी कामुकता का बस एक साधन मात्र ही समझा जाता है. दुनिया का वो मुल्क कोई और नहीं, बल्कि हाल ही में तालिबानियों के हाथों में आया अफगानिस्तान यानी इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान है. दरअसल, अफगानिस्तान में औरतों के प्रति तालिबान का नजरिया कैसा है, इसका अंदाजा इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो से लगाया जा सकता है. वीडियो में कुछ क्रूर तालिबानी कपड़े की दुकानों पर सजीं मॉडलनुमा पुतलियों की गर्दन रेत रहे हैं, जब​कि आसपास खड़े उनके साथी अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगा रहे हैं और हंस रहे हैं.

दुकानों पर सजी खड़ीं ये पत्थर की मॉडल्स पुरुषों का ध्यान भटकाती हैं

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के रूढ़िवादी चेहरे ने पूरी दुनिया की नींद उड़ा कर रख दी है.  यह घटना अफगानिस्तान के हेरात प्रांत की बताई जा रही है. दरअसल, तालिबानी कट्टरपंथियों  का मानना है कि कपड़े की दुकानों पर सजी खड़ीं ये पत्थर की मॉडल्स पुरुषों का ध्यान भटकाती हैं और उनमें कामुकता लाती हैं. यही वजह है कि वहां की सरकार ने इनको इस्लाम को ठेस पहुंचाने वाला बताया है और दुकानों से इन मॉडल्स को हटाने का फरमान जारी किया है. यह  आदेश किसी और ने नहीं बल्कि पश्चिमी अफगान प्रांत हेरात में 'सदाचार फैलाने और बुराई रोकने वाले' मंत्रालय ने दिया है. हालांकि मंत्रालय का कहना कुछ यूं है कि इन पुतलों की पूजा की जा रही थी, जो इस्लाम में पाप माना जाता है. स्थानीय विभाग के प्रमुख अजीज रहमान का कहना है कि इस्लाम मूर्ति पूजा की इजाजत नहीं देता. यही वजह है कि इस्लाम अल्लाह के अलावा किसी दूसरी चीज की पूजा को जायज नहीं मानता. 

लोग दाने-दाने के मोहताज

चूंकि अफगानिस्तान जब से तालिबान के कब्जे में आया है, तब से वहां के लोग दाने-दाने के मोहताज हो रहे हैं. ऐसे तालिबान के इस फरमान ने वहां दुकानदारों को संकट में डाल दिया है. क्योंकि ये मॉडल्स काफी महंगे होते हैं और उनको हटाने से दुकानदारों का काफी नुकसान होता है. इसलिए दुकानदारों ने तालिबान सरकार से उनका फरमान वापस लेने की अपील की है. दुकानदारों की फरियाद को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने अपने नए आदेश में कहा है कि पुतलों को दुकानों से न हटाकर केवल उनके सिर कलम कर दिए जाएं.

बाजार तो महिलाओं से बिल्कुल खाली

आपको बता दें कि तालिबानी राज में बाजार तो महिलाओं से बिल्कुल खाली हो ही चुके, अब जल्दी दुकानों पर सजी मॉडल्स भी विलुप्त होने वाली हैं. मतलब साफ है कि यह मुल्क औरतों के केवल चाहरदीवारी और नकाब में ही कैद कर रखना चाहता है. यहां तक कि तालिबान को दुकानों पर बेपर्दा खड़ीं पुतलियां भी पसंद नहीं हैं.