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इस देश में गर्भवती पत्नी को पीठ पर उठाकर जलते कोयले पर क्यों चलते हैं पति? 

विश्व के कई देश ऐसे हैं जहां पर अजीबोगरीब परंपराओं  (Weird traditions) को अपनाया गया है. कई इसे बेकार के रीति-रिवाज कहते हैं, मगर यहां के ​निवासियों में इस पर अटूट आस्था है.

Updated on: 18 Apr 2022, 11:21 PM

highlights

  • इससे महिलाओं को मानसिक रूप से बल मिलता है
  • पति अपनी पत्नी को गोद में उठाकर जब गर्म कोयले पर चलते हैं

नई दिल्ली:

विश्व के कई देश ऐसे हैं जहां पर अजीबोगरीब परंपराओं  (Weird traditions) को अपनाया गया है. कई इसे बेकार के रीति-रिवाज कहते हैं, मगर यहां के ​निवासियों में इस पर अटूट आस्था है. ऐसी ही एक विचित्र परंपरा चीन (Chinese tradition) में होती है, जिसमें पति के अपनी प्रेग्रेंट पत्नी को पीठ पर उठाकर जलते कोयले (Husbands walk on burning coal carrying pregnant wife) पर चलने का रिवाज है. यहां पर इस तरह की परंपरा सदियों से जारी है. लोग इसे सकारात्मक नजरिए से देखते हैं. 
 
इसके पीछे का तर्क यह दिया गया है कि महिलाएं जब प्रेग्रेंट होती हैं, तब नौवें माह में महिलाओं को कई तरह तकलीफों का सामना करना पड़ता है. इस दौरान उनके मूड स्वींग होते हैं. उन्हें कई तरह की शा​रीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस तकलीफ को कम करने के लिए पतियों को कोयले पर चलना पड़ता है. इससे संदेश यह जाता है कि पति भी पत्नी की उस पीड़ा को समझ रहे हैं. इससे महिलाओं को मानसिक रूप से बल मिलता है. 

पति अपनी पत्नी को गोद में उठाकर जब गर्म कोयले पर चलते हैं तो वो ये दर्शाना चाहते हैं कि पति प्रेग्नेंसी की पूरी यात्रा में पत्नी के साथ है और अकेले पत्नी ही नहीं, पति भी अपने पिता बनने की यात्रा को आसान नहीं मान रहा है.

परंपरा पर नहीं करते कुछ लोग विश्वास

इस परंपरा के पीछे का कारण है कि अगर पति ऐसा करते हैं तो उनकी संतान स्वस्थ्य पैदा होती है और पत्नी के अंदर प्रसव पीड़ा से लड़ने की ताकत आती है. वैसे चीन के कई लोग इस मान्यता को टैबू कहते हैं. इसका कारण है कि वास्तव में कोयले पर चलने से पत्नी का प्रेग्नेंसी  का सफर आसान नहीं होता है. उनके शरीर में होने वाले बदलाव और असुविधाओं में कोई परिवर्तन नहीं आएगा.